Astrologer Ashwani Jain
  • Home
  • Astrology Reading
  • Blog
  • About Me
  • Contact
  • Payment
  • BIRTHDAY TIPS FREE
  • Home
  • Astrology Reading
  • Blog
  • About Me
  • Contact
  • Payment
  • BIRTHDAY TIPS FREE
  • Home
  • LOAN-कर्ज
  • कर्ज

LOAN-कर्ज

31 Jul

कर्ज

  • By Ashwani Jain
  • In LOAN-कर्ज

कर्ज

दुःख एवं परेशानियां जीवन का अभिन्न अंग बन गई हैं ।

इनमें से कुछ दुःख ऐसे हैं जो पूर्व जन्म के लेखे-जोखे से

निश्चित होते हैं।

ऐसे दुःख सभी व्यक्तियों को भोगने पड़ते हैं । दूसरे दुःख उपार्जित होते हैं जिन्हें व्यक्ति स्वयं अपने द्वारा किये गये कर्मों के

कारण भोगता है । अपने एक जीवन में व्यक्ति जो कर्म करता है , उसके अच्छे अथवा बुरे फल उसे भोगने ही होते हैं । इन कर्मों

का फल इतना अधिक होता है कि इनको भोगने के लिये एक जीवन कम पड़ने लगता है । इसलिये व्यक्ति एक देह का त्याग

करके दूसरी देह धारण करता है ताकि वह अपने कर्मों का अच्छा अथवा बुरा फल भोग सके । इसलिये जो दुःख भाग्य में लिखे

हैं , उन्हें हर व्यक्ति को भोगना ही होता है । इसी प्रकार जिनके भाग्य में सुख लिखे होते हैं , वह भी भोगने पड़ते हैं । उपार्जित

दुःख व्यक्ति स्वयं अपने द्वारा तथा अपने लिये उत्पन्न करता है । कर्ज से उत्पन्न जितने प्रकार के दुःख और जितनी परेशानियां

व्यक्ति भोगता है , उसमें पूर्व जन्मकृत कर्मों की किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं होती है । एक व्यक्ति अपनी सामर्थ्य

शक्ति से अधिक खर्च कर लेता है तभी कर्ज की उत्पत्ति हो जाती है । ऐसा खर्च करने के लिये निश्चित रूप से उसे अन्य कहीं से

धन की व्यवस्था करनी होगी जिसे बाद में धीरे – धीरे किश्तों के रूप में अथवा एक साथ चुकाना पड़ेगा । नहीं चुका पाने में जो

स्थितियां उत्पन्न होती हैं , वे निश्चित रूप से दुःखों को बढ़ाने की भूमिका का निर्वाह करेंगी । अगर किश्तें चुकाना अत्यन्त

आवश्यक लगता है अथवा उसे चुकाये बिना काम नहीं चलने वाला तो इसके लिये घर के खर्च में कटौती करनी पड़ सकती है ,

आवश्यक कार्य रोकने पड़ सकते हैं , घर की कुछ चीज भी बेचनी पड़ सकती हैं । इससे भी दुःख बढ़ेंगे । ऐसे में व्यक्ति क्या

करे ? कैसे वह कर्ज से मुक्त हो ? इस प्रकार के अनेक प्रश्न हैं जो अपना उत्तर चाहते हैं । वर्तमान में जो स्थितियां बनी हुई हैं ,

उन्हें देखते हुए लगता नहीं है कि इस बारे में कोई विचार भी करना चाहेगा । इसलिये कर्ज व्यक्ति का भाग्य नहीं नीयति बन गई

है । कर्ज लम्बे समय तक व्यक्ति का साथ नहीं छोड़ने वाला , इतना निश्चित लगता है ।

कर्ज और मुक्ति के उपाय– यहां एक बहुत बड़ा प्रश्न उत्पन्न

होता है कि क्या कर्ज से छुटकारा मिल सकता है ?

इसमें कोई सन्देह नहीं है कि जन्म कुंडली द्वारा कर्ज से छुटकारा पाने के कुछ ऐसे प्रभावी शास्त्रोक्त तथा श्रुति कथन पर आधारित उपाय हैं।

जिनका सही प्रकार से प्रयोग करने पर कभी-कभी कुछ विलम्ब से लाभ मिलता है , किन्तु मिलता अवश्य है ।

विभिन्न स्थितियों में उत्पन्न कर्ज से मुक्ति के लिये जो उपाय बताये गये हैं वे शास्त्रोक्त , अनुभूत तथा श्रुति कथन पर ही आधारित

हैं । सदियों पूर्व जब व्यक्ति के साथ दुःख और परेशानियां जुड़ीं तभी से उसने इनसे बचाव के उपाय भी तलाश करने आरम्भ

कर दिये । इस प्रकार के उपाय ग्रंथों में उपलब्ध नहीं है , किन्तु पीढ़ी – दर – पीढ़ी हस्तान्तरित अवश्य होते रहते हैं । कुछ उपाय

शास्त्रोक्त हैं जिन्हें विभिन्न ग्रंथों में सम्मिलित किया गया है । यह उपाय भी प्रभावी सिद्ध होते हैं लेकिन अधिकांशतः यह आम

व्यक्ति की पहुंच से बाहर होते हैं , ऐसी स्थिति में श्रुति कथन पर आधारित उपायों के बारे में लोगों का रूझान अधिक देखने में

मिलता है । इन उपायों द्वारा लाभ मिलने पर दूसरों को भी इसके बारे में बताया जाता है । इन्हें अनुभूत उपायों की श्रेणी में रखा

जाता है । कर्ज मुक्ति के उपायों में सभी प्रकार के उपाय सम्मिलित किये गये हैं ताकि पाठक अपनी सुविधा के अनुसार इनका

उपयोग कर सके ।

आस्था एवं विश्वास आवश्यक है-

यदि आप किसी भी सिद्धि के लिये कोई उपाय करते हैं तो उसमें आपकी पूरी आस्था एवं श्रद्धा का होना आवश्यक है । यदि मन

मार कर अथवा किसी के कहने पर जबरदस्ती कोई उपाय किया जाता है जिसमें आपकी कोई श्रद्धा नहीं है , तो वह उपाय

आपको कोई फल नहीं देगा । यह उपाय इस प्रकार के नहीं है कि कोई व्यक्ति इन्हें आजमाने अथवा परखने मात्र के लिये प्रयोग

में लाये । जिस व्यक्ति को किये जाने वाले उपायों में अगर थोड़ा भी अविश्वास अश्रद्धा की भावना हो , तो उसे अपनी किसी भी

समस्या के निवारणार्थ कोई भी उपाय नहीं करना चाहिये । आप जब भी कोई उपाय करें तो यह सोच कर करें कि इससे

आपको वांछित लाभ होगा और अवश्य लाभ होगा । कई बार हमारी भावनाओं के आधार पर भी फल सुनिश्चित होते हैं । जो

व्यक्ति अगाध श्रद्धा के साथ इन उपायों को करता है , साथ ही यह विश्वास भी करता है कि इसका उसे अवश्य लाभ होगा तो

उन्हें लाभ अवश्य होगा , हमारा ऐसा प्रबल विश्वास है । उन लोगों को ईश्वर की कृपा प्राप्त नहीं होती जो उसका उपहास करते हैं

अथवा उसकी शक्ति को नकारते हैं । ऐसा मानना ही उचित होगा कि अगर किसी को किये जाने वाले उपाय का यथेष्ट लाभ

नहीं मिल रहा तो निश्चित ही उसकी श्रद्धा और विश्वास में किसी प्रकार की कमी रही होगी । इसलिये किये जाने वाले उपायों पर

पूरी श्रद्धा और विश्वास का होना अत्यंत जरूरी है।इसलिए बेहतर होगा आप अगर जन्म कुंडली द्वारा सही उपाय करते रहे तो

क़र्ज़ से छुटकारा से लाभ होते रहते है।

जय श्री कृष्णा

Tags:about astrologyall india astrologyall india best astrologerall india best astrologyall life remediesAll life remedies in asrologyAll punjab best astrologerALL WORLD ASTROLOGYall world best astrologerAshwani jain astrologerastrologer ashwani jainastrologer in indiaastrologyastrology basicASTROLOGY RULESastrology stoneastronomyayodhyaayodhya dhamayodhya mandirbasic of gemsBEST ASTROLOGERBEST ASTROLOGER IN CANADAbest astrologer in indiaBEST ASTROLOGER IN LUDHIANAbest astrologer in mumbaibest stone adviseDAILY BLOGDAILY POSTForeign SettlementForeign Settlement Part-10gemsindia vedic astrologyindian astrologyjoshi astro gyan ganga groupJoshi astro gyan ganga group ashwani jainjoshiastrogyangangagroupJYOTISHlearn astrologyLOANMANGLIK BHANG YOGAMANGLIK YOGAmember of joshi astro gyan ganga groupout of countryPlanetary foodRAJESH JOSHI ASTROLOGERrajesh joshi astrologer in ludhianarajesh joshi astrologer ludhianaremediesstonestop divorce by astrologerVRISH LAGN PRATHM BHAV MEIN MANGLIK BHANG YOGAकन्या राशि में गोचर का चंद्र (शुभ/अशुभ )कैसे देखेंकर्क राशि में गोचर का चंद्र (शुभ/अशुभ )कैसे देखेंकर्जक़र्ज़ और ज्योतिषकुंडली के १२ भावों के नामकुम्भ राशि में गोचर का चंद्र (शुभ/अशुभ )कैसे देखेंकेतुदेव फलादेश 7 से 12 भाव मिथुन लग्न...केतुदेव फलादेश मेष लग्न 1 से 12 भावगोचरगोचर कैसे देखें? राहु-केतु 23-9-2020ग्रह कब खराब होते है और क्यों?ज्योतिष के सूत्रज्योतिष सीखेंतुला लग्न में सातवें भाव में मंगलीक भंग योगत्रिशक्ति रत्न कब पहने? कन्या लग्न..त्रिशक्ति रत्न कब पहने? तुला लग्न...त्रिशक्ति रत्न कब पहने? धनु लग्न...त्रिशक्ति रत्न कब पहने?मकर लग्न...त्रिशक्ति रत्न कब पहने?मेष लग्न....त्रिशक्ति रत्न कब पहने?वृष लग्न...त्रिशक्ति रत्न कब पहने?सिंह लग्न...धनु राशि में गोचर का चंद्र (शुभ/अशुभ )कैसे देखेंपंचमहापुरुष योग रुचक नामकमकर राशि में गोचर का चंद्र (शुभ/अशुभ )कैसे देखेंमकर लग्न में चौथे भाव में मंगलीक भंग योगमंगलीक भंग योगमांगलिकमिथुन राशि में गोचर का चंद्र (शुभ/अशुभ )कैसे देखेंमिथुन लग्न मे आठवें भाव मे मंगलीक भंग योगमीन लग्न में चौथे भाव में मंगलीक भंग योगमीन लग्न में पहले भाव में मंगलीक भंग योगमीन लग्न में सातवें भाव में मंगलीक भंग योगमेष लग्न प्रथम भाव में मंगलीक भंग योगराहु केतु देव के बारे मे जरूरी बातराहुदेव फलादेश 1 से 6 भाव कर्क लग्नराहुदेव फलादेश 7 से 12 भाव कर्क लग्नराहुदेव फलादेश 7 से 12 भाव मिथुन लग्नविदेश में हमेशा रहने का योग भाग-२विष योगविष योग वृष लग्न पार्ट -3विष योग वृष लग्न पार्ट-6वृश्चिक राशि में गोचर का चंद्र (शुभ/अशुभ )कैसे देखेंवृष राशि में गोचर का चंद्र (शुभ/अशुभ )कैसे देखेंसाढ़ेसाती कैसे देखें ?तीसरा ढैयासिंह राशि में गोचर का चंद्र (शुभ/अशुभ )कैसे देखेंसिंह लग्न में चौथे में भाव मंगलीक भंग योग
  • Share:
Ashwani Jain

Recent Posts

योग की परिभाषा-Definition of yoga
08May,2025
हर्ष विपरीत राजयोग
07May,2025
सरल विपरीत राजयोग
06May,2025

Get in touch

+91 991 401 2222

info@astrologerashwanijain.com

jainashwani551@gmail.com

7 Madhuban Enclave-B, Barewal Rd, Ludhiana, Punjab 141012

Useful Links

  • Home
  • Astrology Reading
  • Blog
  • About Me
  • Contact
  • Payment
  • BIRTHDAY TIPS FREE

Social Links

  • Facebook
  • Twitter
  • Linkedin
  • Instagram
  • Youtube

Newsletters

Subscribe to get updates right in your inbox. We promise to not send you spams.

All Right Reserved @ Astrologer Ashwani Jain