इस वर्ष प्रदोषव्यापिनी कार्तिक कृष्ण अमावस्या 24 अक्टूबर, 2022 को (सोमवार) होने से इसी दिन दीपावली पर्व मनाया
जाएगा। इस दिन महालक्ष्मी पूजन प्रदोषकाल में किए जाने का विधान है। यहाँ प्रदोषकाल सूर्यास्त के पश्चात् 1
बिसनेस करने वालों को ज्यादातर बिसनेस-दुकान ना चलने की यह समस्या आती रहती है उनका
एक ही टारगेट होता है के उनका बिसनेस चलता रहें लेकिन फिर भी इतने पूजा-पाठ,उपाय और
टोटके करने
बिसनेस करने वालों को ज्यादातर बिसनेस-दुकान ना चलने की यह समस्या आती रहती है उनका एक ही टारगेट होता है के
उनका बिसनेस चलता रहें लेकिन फिर भी इतने पूजा-पाठ,उपाय और टोटके करने के बावजूद
पूर्णिमा 11 अगस्त 2022 को लुधियाना पंजाब मे 10:40 सुबह से शुरू होकर 12-8-2022 को 7:04 सुबह तक है | और भद्रा
11-8-2022 को रात्रि 20:53 तक है |इसके अतिरिक्त 11 अगस्त,गुरुवार को चन्द्रमा मकर
बिसनेस करने वालों को ज्यादातर बिसनेस-दुकान ना चलने की यह समस्या आती रहती है उनका एक ही टारगेट होता है के
उनका बिसनेस चलता रहें लेकिन फिर भी इतने पूजा-पाठ,उपाय और टोटके करने के बावजूद
व्यपार करने वालों को अक़्सर व्यपार ना चलने की यह समस्या आखिर आती
रहती है उनका एक लक्ष्य होता है के उनका व्यापार चलता रहें इतना उपाय
टोटके करने के बावजूद
व्यपार करने वालों को अक़्सर व्यपार ना चलने की यह समस्या आखिर आती रहती है उनका एक लक्ष्य होता है के उनका
व्यापार चलता रहें इतना उपाय टोटके करने के बावजूद भी आखिर उनका
व्यपार करने वालों को अक़्सर व्यपार ना चलने की यह समस्या आखिर आती रहती है उनका एक लक्ष्य होता है के उनका व्यापार चलता रहें इतना उपाय टोटके करने के बावजूद भी आखिर उनका व्यापार मंदा ही रहता है
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दीपावली पूजन और समय
दीपावली पूजन कब और कैसे करें ?कार्तिक कृष्ण अमावस्या को दीपावली का महापर्व मनाया जाता है। इस वर्ष वृषपतिवार 4 नवंबर 2021 दीपावली पर्व मनाया जायेग। हिन्दुओं पर्व यह महत्वपूर्ण पर्वों में
हम अक्सर लोगों को यह कहते हुए सुनते हैं, कि मैंने कभी कोई बुरा काम नहीं किया, फिर भी मैं बीमारियों से परेशान हूँ।ऐसा मेरे साथ क्यों हो रहा हैं ?
क्या भगवान बहुत कठोर और निर्दयी
मंगलीक योग होता है तो मंगलीक भंग योग भी होता है।
इस वीडियो मे यह बताने की पूरी कोशिश की गई है की किसी कारणवश मांगलिक योग भंग भी हो जाता है । परन्तु अल्प-ज्ञानी ज्योतिष
जानिए ग्रह नीच भंग कब होता है?
गुरु देवता 20 नवंबर 2020 मे मकर राशि मे गोचर करेंगे जो की शनि देव के साथ मकर राशि मे 6 अप्रैल 2021 तक रहेंगे!18 जनवरी 2021 को अस्त होंगे
जानिए चंद्र ग्रह अनुसार एक ऐसा रहस्य जाने खुद ही यात्रा और शुभ कार्य मे सफलता मिलेगी या नहीं
https://youtu.be/K1yNS57u0jk
दिवाली पर कुछ खास उनके उपाय जिनके ग्रहों से हमें बहुत डराया जाता है
जैसे की शनि,राहु और केतु !जिसकी भी लग्न कुंडली मे शनि, राहु केतु नीच के और मारक हो या 6,8,12 भाव मे बैठे हो या फिर
राहुदेव फलादेश वृश्चिक लग्न 7 से 12 भाव
लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई भी स्वराशि नहीं होती,राहु और केतु देवता मित्र राशि या उच्च हों और अच्छे भाव मे बैठे हो तो अच्छा फल
कार्तिक मास,उपाय,और फलादेश
कार्तिक मास 18-10-2020 से 21-11-2020 तक !
जन्मकुंडली मे ज़ब सूर्य देव तुला राशि या नीच के हो तो उस जातक को कार्तिक की पूजा या सूर्य देव के दान अवश्य करने चाहिए,ज़बकी लग्न कुंडली मे सूर्य
अक्सर हमें राहु देवता से डराया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है !
जहां भाव अच्छा दिया गया है वहां राहुदेव के कोई उपाय करने की जरुरत नहीं।
ज्यादातर हमे राहु देवता
24-1-2020 समय 9:56 को शनि महाराज मकर राशि मे विराजमान हो रहे है, इस राशि मे शनि देव 17-1-2023 समय 17:07 तक रहेंगे | आइये जानते हैं क्या है शनि की साढ़ेसाती, इसका फल और उपाय:-
क्या होती है शनि