विष योग मेष लग्न पार्ट -4
मेष लग्न की कुंडली मे लग्न मे बैठे नीच के शनि देव मारक होकर दसवीं दृष्टी दसवें भाव में बैठे अतियोगकारक चंद्र देव को देख रहे है जिस कारण विष योग बनता है लेकिन ध्यान देने योग्य बात यही है की यहाँ शनि देव की वजह से विष योग बन रहा है बल्कि चंद्र देवता अतियोगकारक है जो की एक अच्छा ग्रह है तो यहां शनि देव जी के ही पूजा, उपाय, दान होगा !
फल -विष योग यहाँ पर शरीरिक परेशानी, उग्र स्वभाव,नौकर से अनबन, लेबर से परेशानी, और व्यापार मे परेशानी,नौकरी मे आपने सीनियर से ना बनना,व्यापार मे घाटा होना ऐसी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ सकता है !
उपाय -सुचा मोती पहने,शनिवार को काले माह, काले तिल, सरसों का तेल, काला कपड़ा,काले रंग के पेन,लोहा दान करें शनिवार, पीपल को जल दें या दिया जलाएं सरसों के तेल का !
जाप -ॐ नमः शिवाय ! ॐ शनये नमः ! रोज़ अपनी इच्छा अनुसार जाप करें !