24 Mar विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-६ By Ashwani Jain In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-६, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga बाहरवें भाव का मालिक अगर दसवें भाव में पड़ा हो तो भी उसकी महादशा या अन्तर्दशा में विदेश में रहने का और वहां काम काज करने का योग बनता है क्यों की बाहरवें भाव का मालिक दसवें भाव में बैठकर उसकी सातवीं दृष्टि चौथे भाव पर पड़ती है । लग्न कुंडली Share: Ashwani Jain You may also like विदेश में हमेशा रहने का योग-1Permanent Foreign Settlement yoga-1 March 18, 2019 by Ashwani Jain in विदेश में हमेशा रहने का योग-1 अगर चौथे भाव का स्वामी बाहरवें भाव में हो और बाहरवें भाव का स्वामी चौथे भाव में हो तो...