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- विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-६
- विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-६
बाहरवें भाव का मालिक अगर दसवें भाव में पड़ा हो तो भी उसकी महादशा या अन्तर्दशा में विदेश में रहने का और वहां काम काज करने का योग बनता है क्यों की बाहरवें भाव का मालिक दसवें भाव में बैठकर उसकी सातवीं दृष्टि चौथे भाव पर पड़ती है ।
लग्न कुंडली