02 Mayहर्ष विपरीत राजयोग By Ashwani Jain In हर्ष विपरीत राजयोग 0 commentअगर छठे भाव का स्वामी लग्न कुंडली में ६,८,१२ में बैठा हो तो उसे हर्ष विपरीत राजयोग कहा जाता है। लग्नेश अगर बली हो तभी ही विपरीत राजयोग के फल प्राप्त होंगे लग्नेश बली और डिग्री वाइज बलाबल होना जरूरी Read MoreShare: