विष योग मेष लग्न पार्ट -7
मेष लग्न की कुंडली मे चौथे भाव मे बैठे शनि देव और चंद्र देव विष योग नही बनाएंगे क्यों की यहाँ शनि देव चौथे भाव मे सम होकर बैठे है और चंद्र देवता अतियोगकारक होकर अपनी ही राशि मे बैठे है (ज्योतिष मे अपनी ही राशि मे बैठा ग्रह सबसे अच्छा माना जाता है )जिस कारण इस लग्न कुंडली मे विष योग भंग हो रहा है अर्थात विष योग नही बन रहा यहाँ दोनों ग्रह अच्छे फल देंगे ना की बुरा !
फल -प्रॉपर्टी मे फाईदा होगा, माँ से बनेगी, सुख सुविधा पूरी होगी, काम काज बेहतर होगा,हर तरह की मनोरथ पूरी होगी, सरकारी नौकरी हो सकती है, शत्रु कम होंगे,प्रतियोगिता मे विजय,स्वास्थ्य सही रहेगा,कोर्ट केस मे विजयी आदि !
नोट -ग्रहों की दशा-महादशा और डिग्री वाइज बलाबल अवश्य चेक करें !