मकर लग्न में बाहरवें भाव में मंगलीक भंग योग –
मकर लग्न में बाहरवें भाव में मंगलीक भंग योग –
मकर लग्न में मंगल देवता अगर बाहरवें भाव में हो तो जातक मंगलीक नहीं होता क्यों की यहां पर मंगल ग्रह गुरु देवता की मूल त्रिकोण राशि धनु में है इसलिए मंगल के दोष का परिहार होता है और मंगल ग्रह की सातवें भाव पर आठवीं दृस्टि वैवाहिक जीवन को खराब नहीं करेगी ।
नोट -ग्रहों का बल और और डिग्री वाइज अवश्य चेक कर लें ।