ज्योतिष में चन्द्रमा का खास महत्व-
चंद्र देवता एक ऐसा ग्रह है जो ज्योतिष में सबसे तेज़ चाल से चलता है जिसका असर हमारे मन,मूड,मानसिक में भी फर्क पड़ता है वो भी बहुत तेज़ी से।चंद्र एक राशि में सवा २ दिन ही रहता है बल्कि बाकी ग्रहों से सबसे कम समय में अपनी राशि बदलता है सही कार्य मुहूर्त या यात्रा देखने में चंद्र देवता का अहम रोल होता है चंद्र देव के अनुसार हमारा कार्य सही होगा या नहीं या यात्रा तो सभी करते हैं,लेकिन कभी सफलता तो कभी असफलता हाथ लगती है। यात्रा कभी इतनी सुखद होती है कि दौड़-धूप भरी जिंदगी की सभी थकान दूर हो जाती है। कभी यात्रियों को दुर्घटना के कारण जान भी गंवानी पड़ जाती है। आखिर क्या है इसका रहस्य? ज्योतिष के मुताबिक हम खुद अपनी नाम राशि या जन्म राशि के अनुसार चंद्र कहाँ गोचर कर रहा है या अपनी ही नाम राशि या जन्म राशि से गोचर का चंद्र चौथे,आठवें,या बारहवें तो नहीं यह देखना अति आवश्यक है यदि अपनी ही नाम राशि या जन्म राशि से गोचर का चंद्र चौथे,आठवें और बारहवें हो तो शुभ नहीं होता अगर ऐसा हो तो हमें यात्रा या शुभ काम में जाने के लिए परहेज़ करना चाहिए ।
मेष राशि वालों के लिए गोचर का चंद्र शुभ या अशुभ उदाहरण सहित –
मेष राशि (नाम हो या जन्म ) वालों के गोचर का चंद्र चौथे(कर्क),आठवें(वृश्चिक),बारहवें(मीन) हो तो शुभ नहीं माना जाता उस दिन मेष राशि वालों को यात्रा या शुभ काम नहीं करना चाहिए ।
गोचर का चन्द्रमा कैसे देखें -यदि आप गोचर का चंद्र देखना चाहते है के कौन सी राशि में है तो आप अख़बार,जंत्री या कोई धार्मिक कैलेंडर में देख सकते है उसी दिन/तारीख को ।
नोट -अगर आपको समझ ना आये तो आप 9914012222 इस नंबर पर कॉन्टैक्ट कर सकते है !