विष योग मिथुन लग्न पार्ट-3
- तीसरे भाव मे बैठे दोनों ग्रह चंद्र, शनि मिथुन लग्न मे विष योग दोनों ही बनाएंगे क्यों की दोनों ग्रह इस लग्न कुंडली मे मारक है जिस कारण दोनों ग्रह बुरा फल देंगे !दोनों ग्रह अशुभ फल देंगे !
फल -तीसरे भाव मे बैठे चंद्र देवता मेहनत ज्यादा, भाई बहनो से अनबन,परिवारिक परेशानी, एक जगह टिक कर काम ना करने वाला होगा, ज्यादा घूमने फिरने का शौंक होगा ! !सातवीं दृष्टी चंद्र की नवंम भाव पर पड़ने से पिता से अनबन, भाग्य मे अड़चन,धन मे, माता से अनबन रहेगी ! शनि देवता तीसरे भाव मे कामकाज मे ज्यादा मेहनत, बहुत मेहनत करने पर उच्च शिक्षा, प्रमोशन मे दिक्कत,भाग्य मे सरकारी नौकरी मे परेशानी, पिता से अनबन रहेगी !तीसरी दृष्टी शनि देव की पंचम भाव पर पड़ने से दिमागी मेहनत ज्यादा, लव मैरिज मे दिक्कत,पढ़ाई मे दिक्कत परेशानी,शेयर बाजार मे नुकसान,पढ़ाई मे मन नही लगेगा !शनि की सातवीं दृष्टी नवम भाव पर पड़ने से धार्मिक यात्रा मे दिक्कत परेशानी, पिता से अनबन, भाग्य मे मेहनत ज्यादा फल कम, भाई बहनो से दिक्कत परेशानी रहती है !
दसवीं दृष्टी बारहवें भाव पर पड़ने से जातक जन्म स्थान से दूर काम काज करने वाला,नींद मे दिक्कत, टेंशन ज्यादा, हॉस्पिटल मे बार-बार चक्कर,दवाइयां बार-बार लेना, दिमागी मेहनत ज्यादा करवाता है !
नोट -ग्रहों की दशा-महादशा और डिग्री वाइज बलाबल अवश्य देख लें !
ध्यान दें – अगर शनि देव अस्त हो तो गोचर अनुसार नीलम भी पहनाया जा सकता है !
उपाय -1.शिवलिंग पर दूध चढ़ाये हर सोमवार !
2.पीपल को जल दें ! (रविवार छोड़ कर )
3.हर सोमवार सफ़ेद चीज़ें दान करें या चींटियों को चीनी डालें !
4.ॐ नमः शिवाय का पाठ करें !
5.ॐ चन्द्रमसे नमः का पाठ भी कर सकते है !
6.मंत्र जाप के बाद अरदास अवश्य करें !
7.महा मृत्युंजय मंत्र का भी पाठ करें !
8.हर शनिवार को काले तिल चींटियों को डाले !
9.काले कपड़े किसी भी जरूरतमंद को दान दे हर शनिवार !
10.ॐ शनये नमः का पाठ करें