विष योग मिथुन लग्न पार्ट-1
मिथुन लग्न कुंडली में लग्न में बैठे शनि और चंद्र देव विष योग बनाएंगे लेकिन ध्यान देने योग्य बात यही है की यहाँ विष योग बनने का कारण लग्नेश बुध के अति शत्रु चंद्र देव होंगे ना की शनि देव अर्थात चंद्र देव शनि देव के शुभ फल मे कमी लाएंगे और वहीं शनि देव चंद्र देवता के अशुभ फल मे कमी लाएंगे !
फल -मिथुन लग्न मे लग्न भाव मे बैठे चंद्र देवता परिवारिक स्तिथि मे दिक्कत परेशानी ज्यादा करेंगे, धन के विषय मे टेंशन,शरीरीक परेशानी,खून की कमी,मन का ना टिकना,और माता से अनबन रहेगी !चंद्र देवता की सातवीं दृष्टी सप्तम भाव पर पड़ने से जातक या जातिका को वैवाहिक जीवन मे दिक्कत परेशानी का सामना, साझेदारी मे दिक्कत, रोजी रोजगार मे दिक्कत, विवाह मे देरी, पति या पत्नी का हावी होना रहता है !शनि देव मिथुन लग्न कुंडली मे लग्न भाव मे बैठे जातक को भाग्यशाली,अच्छी पर्सनालिटी,धार्मिक, समज़दार बनाएंगे !लग्न भाव मे बैठे शनि देव की तीसरी दृष्टी तीसरे भाव पर पड़ने से जातक को कम मेहनत मे ज्यादा फल,पराक्रमी, छोटे भाई बहन से अच्छे संबंध,दोस्तों से अच्छे संबंध होंगे !सातवीं दृष्टी शनि देव की सातवें भाव पर पड़ने से जातक जातक या जातिका का वैवाहिक जीवन सुखी,विवाह के के बाद भाग्य खुलना,भाग्यवान पति -पत्नी की प्राप्ति,अच्छी साझेदारी, ससुराल से लाभ प्राप्ति,अच्छी इनकम होती है !शनि देव की दसवीं दृष्टी दसम भाव पर पड़ने से भाग्य मे कामकाज या व्यापार मे सफलता प्राप्त करता है, अच्छे कर्म करने वाला, गुप्त विद्या का ज्ञान, ज्योतिष का कार्य करने वाला, पिता की सेवा करने वाला, जातक या जातिका के पैदा होने के बाद परिवार का व्यापार या नौकरी मे उन्नति प्राप्त होती है !
नोट -ग्रहों की दशा-महादशा और डिग्री वाइज बलाबल अवश्य देख लें !
ध्यान दें -दशा-महादशा और गोचर के अनुसार जातक को नीलम भी पहनाया जा सकता है !
उपाय 1-शिवलिंग पर दूध चढ़ाये हर सोमवार !
2.पीपल को जल दें (रविवार को छोड़ कर )
3.हर सोमवार सफ़ेद चीज़ें दान करें या चींटियों को चीनी डालें !
4.ॐ नमः शिवाय का पाठ या जाप करें !
5.शनि का दान कदापि ना करें !
6.ॐ चन्द्रमसे नमः का पाठ या जाप भी कर सकते है !
7.मंत्र जाप के बाद अरदास अवश्य करें !
8.महामृत्युंजय का जाप करें या करवाएं!