विष योग कर्क लग्न पार्ट-6
छठे भाव मे बैठे शनि चंद्र दोनों विष योग बनाएंगे यहाँ दोनों ही बुरा फल देंगे क्यूंकि दोनों ग्रह मारक हुए, शनि देव भी विपरीत राजयोग पर नहीं आ सकते क्यूंकि लग्नेश चंद्र भी मारक है तो साफ है के यहाँ दोनों ग्रह बुरा फल दे सकते है !
फल -छठे भाव मे चंद्र देवता शरीरीक दिक्कत परेशानी,प्रतियोगिता मे असफलता,नौकरी मे दिक्कत परेशानी दे सकते है !सातवीं दृष्टी चंद्र देव की बारहवें भाव पर पड़ने से जातक विदेश मे नौकरी कर सकता है, छोटी मोटी बीमारियों से दिक्कत परेशानी,जन्म स्थान से दुर,नींद की दिक्कत रह सकती है !शनि देव की तीसरी दृष्टी आठवें भाव पर पड़ने से मृत्यु तुल्य कष्ट, टेंशन, गुप्त ज्ञान अधूरा,ससुराल से अनबन रह सकती है !सातवीं दृष्टी शनि देव की बारहवें भाव पर पड़ने से वैवाहिक दिक्कत परेशानी, नौकरी मे दिक्कत परेशानी रह सकती है !दसवीं दृष्टी शनि देव की तीसरे भाव पर पड़ने से मेहनत भागदौड़ ज्यादा,भाई बहन से अनबन,शरीरीक कमज़ोर रह सकता है !
नोट-ग्रह की दशा महादशा और डिग्री वाइज बलाबल अवश्य देख लें ! अर्थात फलों मे फर्क आ सकता है !
ध्यान दें -अगर चंद्र देव अस्त हो तो गोचर अनुसार मोती भी पहनाया जा सकता है !
उपाय -1.शिवलिंग पर दूध चढ़ाये हर सोमवार !
2.पीपल को जल दें ! (रविवार छोड़ कर )
3.हर सोमवार सफ़ेद चीज़ें दान करें या चींटियों को चीनी डालें !
4.ॐ नमः शिवाय का पाठ करें !
5.ॐ चन्द्रमसे नमः का पाठ भी कर सकते है !
6.मंत्र जाप के बाद अरदास अवश्य करें !
7.महा मृत्युंजय मंत्र का भी पाठ करें !
8.हर शनिवार को काले तिल चींटियों को डाले !
9.काले कपड़े किसी भी जरूरतमंद को दान दे हर शनिवार !
10.ॐ शनये नमः का पाठ करें