विष योग कर्क लग्न पार्ट-10
दशम भाव मे बैठे शनि चंद्र विष योग बनाएंगे लेकिन यहां शनि नीच के होकर अति मारक हुए जो की बुरा फल देंगे और चंद्र देव की अच्छाई को भी कम करेंगे ! ध्यान दें अगर शनि नीच भंग योग मे आये तो फलादेश मे फर्क आ सकता है ! तो यहाँ मारक शनि का फलादेश के बारे मे बात हो रही है !
फल-दशम भाव नीच के शनि काम काज मे नुकसान,उग्र स्वभाव, पिता से अनबन,धार्मिकता मे कम रूचि रखने वाला हो सकता है !तीसरी दृष्टी शनि देव की बारहवें भाव पर पड़ने से बिना वजह से खर्चा ज्यादा, दवाइयों पर खर्चा,हॉस्पिटल पर चक्कर लग सकते है !सातवीं दृष्टी शनि देव की चौथे भाव पर पड़ने से माता सुख मे कमी,माता की तबियत खराब रहना,भूमि, गाड़ी, वाहन के सुख सुविधायों से वँचित रह सकता है ! दशम दृष्टी सप्तम भाव पर पड़ने से विवाह मे दिक्कत परेशानी,वैवाहिक सुख मे कमी,साझेदारी मे दिक्कत परेशानी रह सकती है !चंद्र देवता दशम भाव मे व्यायपार मे परेशानी कम करेंगे,स्वभाव अच्छा,अच्छी प्रेसनलिटी हो सकती है !दशम दृष्टी चंद्र देवता की चौथे भाव पर पड़ने से माता,भूमि, गाड़ी सुख मिल सकता है !
नोट-ग्रह की दशा महादशा और डिग्री वाइज बलाबल अवश्य देख लें ! अर्थात फलों मे फर्क आ सकता है !
ध्यान दें -अगर चंद्र देव अस्त हो तो गोचर अनुसार मोती भी पहनाया जा सकता है !
उपाय -1.मोती पहन सकते है !
2.पीपल को जल दें ! (रविवार छोड़ कर )
3.ॐ नमः शिवाय का पाठ करें !
4.ॐ चन्द्रमसे नमः का पाठ भी कर सकते है !
5.मंत्र जाप के बाद अरदास अवश्य करें !
6.महा मृत्युंजय मंत्र का भी पाठ करें !
7.हर शनिवार को काले तिल चींटियों को डाले !
8.काले कपड़े किसी भी जरूरतमंद को दान दे हर शनिवार !
9.ॐ शनये नमः का पाठ करें