विष योग मिथुन लग्न पार्ट-9
नवम भाव मे बैठे शनि चंद्र विष योग बनाएंगे !लेकिन ध्यान दे के शनि देव अति योगकारक और स्वराशि ग्रह होने के कारण बुरा फल नही देंगे !यहाँ सिर्फ चंद्र देव ही बुरा फल देंगे !
फल -चंद्र देव नवम भाव मे भाग्य मे परिवारिक सुख मे कमी, एजुकेशन या पढ़ाई मे दिक्कत परेशानी, माता से अनबन, पिता से अनबन रह सकती है !सातवीं दृष्टी चंद्र देव की तीसरे भाव पर पड़ने से आँखों मे दिक्कत परेशानी, भाई बहनो से दिक्कत परेशानी,भागदौड़ ज्यादा हो सकती है !नवम भाव मे शनि देव भाग्य मे जल्दी उन्नति,पिता से मान-समान,उच्च एजुकेशन,और गुप्त विद्या का ज्ञान होगा !तीसरी दृष्टी शनि देव की ग्यारहवें भाव पर पड़ने से हर तरह की इच्छा पूरी होना, बड़े भाई बहनों से लाभ,स्वस्थ अच्छा रहता होगा!सातवीं दृष्टी तीसरे भाव पर पड़ने से शनि देव कम मेहनत फल ज्यादा,घूमने फिरने का शौकीन, दोस्तों से लाभ प्राप्त, पराक्रमी होगा !दशम दृष्टी छठे भाव पर पड़ने से कोर्ट कचरी मे विजय,प्रतियोगिता मे सफलता,सरकारी नौकरी, शत्रुओं पर विजय प्राप्ती का योग बनता है !
नोट -ग्रहों की दशा-महादशा और डिग्री वाइज बलाबल अवश्य देख लें !
ध्यान दें – अगर शनि देव अस्त हो तो गोचर अनुसार नीलम भी पहनाया जा सकता है !
उपाय -1.शिवलिंग पर दूध चढ़ाये हर सोमवार !
2.पीपल को जल दें ! (रविवार छोड़ कर )
3.हर सोमवार सफ़ेद चीज़ें दान करें या चींटियों को चीनी डालें !
4.ॐ नमः शिवाय का पाठ करें !
5.ॐ चन्द्रमसे नमः का पाठ भी कर सकते है !
6.मंत्र जाप के बाद अरदास अवश्य करें !
7.महा मृत्युंजय मंत्र का भी पाठ करें !