विष योग मेष लग्न पार्ट -15
मेष लग्न की कुंडली मे बारहवें भाव मे बैठे शनि और चंद्र देव विष योग बनाएंगे क्यों यहाँ दोनों ग्रह शनि और चंद्र देव अतिमारक हुए जिस कारण विष बनता है यहाँ बैठे शनि और चंद्र देव जहां भी देखेंगे बुरा प्रभाव ही देंगे !
फल -यहाँ बैठे शनि देव और चंद्र देव मन में अशांति, नींद मे दिक्कत, बेचैनी, ध्यान की कमी,दाहिने कान मे दिक्कत, मन चंचल, माता से लड़ाई रहेगी ! यहाँ बैठे शनि देव जी की तीसरी दृष्टी दूसरे भाव पर पड़ने से जातक परिवार सहित विदेश मे सेटल हो सकता है, परिवारीक परेशानी, जन्म स्थान दूर जाने का योग,धन में कमी होगी, मांस मदिरा, सिगरेट या किसी प्रकार का नशे का सेवन करता होगा, बोलने मे जल्दबाजी या बोलने के कारण लड़ाई झगड़ा होना, सांस की दिक्कत रहेगी !
शनि देव जी की सातवीं दृष्टी छठे भाव पर पड़ने से जातक को लम्बी समय बीमारी, लम्बे समय दवाइयां,कोर्ट -केस मे चक्कर लगते रहना,सरकारी कामों मे असफलता, व्यापार मे घाटा, शत्रु ज्यादा होना, शत्रुयों से परेशान, मन की बीमारी,प्रतियोगिता मे असफलता मिलती है !शनि देव जी की दसवीं दृष्टी नौवें भाव पर पड़ने से जातक को भाग्य मे असफलता, पिता से अनबन, नौकरी मे असफलता,धर्म को ना मानने वाला होगा ! चंद्र देवता की सातवीं दृष्टी छठे भाव पर पड़ने से जातक को दिल की बीमारी, मन की बीमारी, लम्बे समय दवाइयों का खर्चा, माता से अनबन, जमीन से नुकसान, जन्म स्थान से अति दूर रहने वाला होगा !
नोट -ग्रहों की दशा-महादशा और डिग्री वाइज बलाबल अवश्य चेक करें
नोट -ग्रह की डिग्री वाइज बलाबल अवश्य चेक कर लें !उपाय -1.ॐ शनये नमः का जाप करें.
2.ॐ नमः शिवाय का जाप करें.
3.महामृत्युंजय का जाप करवाएं.
4.हर सोमवार को शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं.
5.सोमवार को दूध का दान करें.
6.हर शनिवार को काले माह का दान करें.
7.अगर लग्नेश अच्छे भाव मे हो तो मूंगा अवश्य पहने.
8.काला रंग कम पहने.
9.पीपल को हर रोज जल दें (रविवार को छोड़ कर ).
10.पीपल के निचे दिया जलाएं.
ध्यान देने योग्य बात -पीपल को सिर्फ जल दें ना की दूध या कच्ची लस्सी क्यों की पीपल को सिर्फ पानी की जरूरत होती है ना को कैल्शियम की.