विष योग मिथुन लग्न पार्ट-5
पंचम भाव मे बैठे शनि चंद्र दोनों ग्रह मिथुन लग्न मे विष बनाएंगे लेकिन चंद्र देवता इस लग्न कुंडली मे लग्नेश के अति शत्रु होने की वजह से विष योग का कारण बनेगें और शनि से अच्छे प्रभाव को कम करेंगे !
फल -चंद्र देवता पंचम भाव मे दिमागी टेंशन, परिवारिक समस्या, धन मे कमी कर सकते है !सातवीं दृष्टी चंद्र देव की ग्याहरवें भाव पर पड़ने से छोटी मोटी बीमारियों की दवाइयां चलती रहना, मन की इच्छा पूरी ना होना,माता से अनबन रह सकती है ! शनि देव पंचम भाव मे उच्च के होकर बैठे है जो की अच्छा फल देंगे, दिमाग़ तेज़, शेयर मार्केट मे सफलता, और जनता से लाभ, पढ़ाई मे सफलता, डॉक्टर भी बना सकते है !उच्च के शनि की तीसरी दृष्टी सप्तम भाव पर पड़ने से वैवाहिक सुखी जीवन,प्रेम विवाह मे सफलता, शादी के बाद भाग्य उदय, साझेदारी अच्छी हो सकती है !सातवीं दृष्टी शनि देव की ग्याहरवें भाव पर पड़ने से अपनी इच्छा पूरी खुद करने के काबिल, बीमारयों से बचाव, बड़े भाइयों से स्पोर्ट, शादी के बाद हर तरह की इच्छा पूरी हो सकती है !उच्च के शनि दशम दृष्टी दूसरे भाव पर पड़ने से सुखी परिवार,वाणी से धन प्राप्ति, सिंगर,व्यवसाय से धन प्राप्त कर सकता है !
नोट -दशा महादशा और डिग्री वाइज बलाबल अवश्य चेक कर लें !
रत्न -महादशा-दशा और गोचर के अनुसार जातक को नीलम भी पहनाया जा सकता है !
उपाय -शिवलिंग पर हर सोमवार दूध चढ़ाएं !
पीपल को जल दे रोज़ाना !(रविवार छोड़ कर )
सफ़ेद चीज़ें दान करें हर सोमवार !
ॐ नमः शिवाय का जाप करें नित्य दिन !
ॐ चंद्रमसे नमः का भी जाप करें नित्यदिन !
शनि का दान कभी ना करें !