विष योग कर्क लग्न पार्ट-8
आठवें भाव मे बैठे शनि+चंद्र विष योग बनाएंगे यहाँ दोनों ही बुरा फल देंगे क्यूंकि की दोनों ग्रह मारक है तो शनि चंद्र यहाँ दोनों ही बुरा फल देंगे शनि देव का अपनी राशि पर बैठे है जो की सिर्फ अपना घर को बुरे फल मे कमी लाएंगे !यहाँ शनि देव विपरीत राजयोग मे नहीं आएंगे क्यूंकि चंद्र देव भी मारक है इसलिए !
फल -चंद्र देव आठवें भाव मे शारीरिक दिक्कत परेशानी,दिमागी टेंशन,मृत्यु तुल्य कष्ट हो सकता है ! सातवीं दृष्टी चंद्र देव की दूसरे भाव पर पड़ने से पारिवारिक दिक्कत परेशानी,सांस की दिक्कत परेशानी, आँखों मे दिक्कत परेशानी और धन की कमी रह सकती है ! आठवें भाव मे शनि देव आपने ही राशि पर बैठे होने के कारण आपने घर का बचाव करते हुए मृत्युतुल्य कष्ट कम कर सकते है, दिमागी टेंशन कम, ससुराल से लाभ मिल सकता है !तीसरी दृष्टी शनि देव की दशम भाव पर पड़ने से कामकाज मे दिक्कत परेशानी,बुरे कर्म की तरफ ध्यान,धार्मिक मे कम रूचि रह सकती है !सातवीं दृष्टी शनि देव की दूसरे भाव पर पड़ने से परिवारिक दिक्कत परेशानी,धन मे कमी, ससुराल से अनबन हो सकती है !दसवीं दृष्टी शनि देव की पंचम भाव पर पड़ने से दिमागी टेंशन,प्यार मे धोखा,शेयर बजार मे नुकसान, पढ़ाई मे दिक्कत परेशानी रह सकती है !
नोट-ग्रह की दशा महादशा और डिग्री वाइज बलाबल अवश्य देख लें ! अर्थात फलों मे फर्क आ सकता है !
ध्यान दें -अगर चंद्र देव अस्त हो तो गोचर अनुसार मोती भी पहनाया जा सकता है !
उपाय -1.शिवलिंग पर दूध चढ़ाये हर सोमवार !
2.पीपल को जल दें ! (रविवार छोड़ कर )
3.हर सोमवार सफ़ेद चीज़ें दान करें या चींटियों को चीनी डालें !
4.ॐ नमः शिवाय का पाठ करें !
5.ॐ चन्द्रमसे नमः का पाठ भी कर सकते है !
6.मंत्र जाप के बाद अरदास अवश्य करें !
7.महा मृत्युंजय मंत्र का भी पाठ करें !
8.हर शनिवार को काले तिल चींटियों को डाले !
9.काले कपड़े किसी भी जरूरतमंद को दान दे हर शनिवार !
10.ॐ शनये नमः का पाठ करें