विष योग कर्क लग्न पार्ट-1
विष योग कर्क लग्न पार्ट-1
कर्क लग्न की कुंडली मे लग्न भाव मे बैठे शनि चंद्र विष योग बनाएंगे लेकिन यहाँ चंद्र देवता बुरा प्रभाव नहीं देंगे क्यूंकि लग्नेश अपनी ही राशि मे बैठे है इसलिए !शनि देवता चंद्र देवता के अच्छे फल मे कमी लाएंगे मारक होने के कारण !
फल -चंद्र देवता अति योगकारक और अपनी राशि मे होने के कारण अच्छा फल देंगे !अच्छी पर्सनालिटी,अच्छा स्वास्थ्य, अच्छी सोच, राजनीती मे लाभ दे सकते है ! सातवीं दृष्टी चंद्र देवता की सातवें भाव पर पड़ने से अच्छी साझेदारी, वैवाहिक सुखी जीवन व्यक्त करता है ! शनि देव लग्न भाव मे बैठे दिमागी परेशानी,शरीरिक दिक्कत परेशानी, गुस्सा ज्यादा, अड़ियल स्वभाव दे सकते है !तीसरी दृष्टी शनि देव की भाई बहन ज्यादा,भाई बहन से मन मुटाव, बिना वजह से मेहनत ज्यादा करवा सकते है !सातवीं दृष्टी शनि देव की सप्तम भाव पर पड़ने से वैवाहिक जीवन सुख मे दिक्कत परेशानी कम करेगा क्यूंकि की उनकी अपनी राशि है, दशम दृष्टी शनि देव की दशम भाव पर पड़ने से काम काज मे दिक्कत परेशानी,कर्मचारी से अनबन रह सकती है !
नोट -ग्रहों की दशा-महादशा और डिग्री वाइज बलाबल अवश्य देख लें !
ध्यान दें – अगर चंद्र देव अस्त हो तो गोचर अनुसार मोती भी पहनाया जा सकता है !
उपाय -1.पीपल को जल दें ! (रविवार छोड़ कर )
2.ॐ नमः शिवाय का पाठ करें !
3.मंत्र जाप के बाद अरदास अवश्य करें !
4.महा मृत्युंजय मंत्र का भी पाठ करें !
5.हर शनिवार को काले तिल चींटियों को डाले !
6.काले कपड़े किसी भी जरूरतमंद को दान दे हर शनिवार !
7.ॐ शनये नमः का पाठ अवश्य करें !