वृश्चिक लग्न में पहले भाव में मंगलीक भंग योग-
वृश्चिक लग्न में पहले भाव में मंगलीक भंग योग-
वृश्चिक लग्न की कुंडली में अगर मंगल देवता पहले भाव में हो तो मंगलीक भंग योग बनता है क्यों की यहां बैठा मंगल लग्नेश होकर अपनी ही राशि (स्वराशि,अपना ही घर ) पर बैठें है और शास्त्रों के मुताबिक केंद्र मंगल हो वो भी अति योगकारक तो रुचक नामक पंच महापुरुष योग बनता है। और लग्न में लग्नेश होकर बैठा मंगल अपनी सातवीं दृष्टी सातवें भाव में पड़ने कारण वैवाहिक जीवन खुशहाल बनाता है।
स्वराशि -ज्योतिष में स्वराशि ग्रह को सबसे अच्छा ग्रह माना जाता है।
नोट -ग्रहों का बल और और डिग्री वाइज अवश्य चेक कर लें ।