वृश्चिक लग्न में चौथे भाव में मंगलीक भंग योग-
वृश्चिक लग्न में चौथे भाव में मंगलीक भंग योग-
वृश्चिक लग्न की कुंडली में अगर मंगल देवता चौथे भाव में हो तो मंगलीक भंग योग बनता है क्यों की यहां बैठा मंगल लग्नेश होकर चौथे भाव में केंद्र स्थान में पर बैठें है और शास्त्रों के मुताबिक केंद्र मंगल हो वो भी अति योगकारक तो रुचक नामक पंच महापुरुष योग बनाता है।अपनी ही चौथी दृष्टी सातवें भाव पर पड़ने से वैवाहिक जीवन खुशहाल बनाता है और जातक/जातिका को अच्छा वर/वधु मिलता/मिलती है।
नोट -ग्रहों का बल और और डिग्री वाइज अवश्य चेक कर लें ।