विमल विपरीत राजयोग
विमल विपरीत राजयोग-
अगर लग्न कुंडली में बाहरवें घर का मालिक ६,८,१२ भाव में पड़ा हो तो वो विमल विपरीत राजयोग माना जाता है । अगर बाहरवें भाव का मालिक ६,८,१२ में पड़ा हो और बुरे ग्रहों के साथ युति हो और दृस्टि हो तो विमल विपरीत राजयोग बनाता है लेकिन लग्नेश बलि और डिग्री वाइज बलाबल अवश्य होना चाहिए ।