धनु लग्न में चौथे भाव में मंगलीक भंग योग –
धनु लग्न में चौथे भाव में मंगलीक भंग योग –
धनु लग्न में मंगल देवता अगर चौथे भाव में हो तो जातक मंगलीक नहीं होता क्यों की यहां पर मंगल ग्रह त्रिकोण के स्वामी,केंद्र में स्तिथ होकर कभी बुरा फल नहीं देता और लग्नेश गुरु के अतिमित्र होने के कारण अति योगकारक ग्रह है जो की चौथी दृष्टी सातवें भाव पर पड़ने से स्वस्थ और खुशहाल वैवाहिक जीवन जीने में सहायता करती है ।
नोट -ग्रहों का बल और और डिग्री वाइज अवश्य चेक कर लें ।