धनु लग्न में आठवें भाव में मंगलीक भंग योग
धनु लग्न में आठवें भाव में मंगलीक भंग योग –
धनु लग्न में मंगल देवता अगर आठवें भाव में हो तो जातक मंगलीक नहीं होता क्यों की यहां पर मंगल ग्रह नीच के हो जाने से मंगलीक दोष का परिहार हो जाता है। एक नियमानुसार आठवां भाव की राशि जल तत्व होने से मांगलिक दोष का परिहार हो जाता है।
नोट –ग्रहों का बल और और डिग्री वाइज अवश्य चेक कर लें ।