Astrologer Ashwani Jain
  • Home
  • Astrology Reading
  • Blog
  • About Me
  • Contact
  • Payment
  • BIRTHDAY TIPS FREE
  • Home
  • Astrology Reading
  • Blog
  • About Me
  • Contact
  • Payment
  • BIRTHDAY TIPS FREE
  • Home
  • मांगलिक योग -MANGLIK YOGA
  • मांगलिक योग -MANGLIK YOGA

मांगलिक योग -MANGLIK YOGA

01 Jan

मांगलिक योग -MANGLIK YOGA

  • By Ashwani Jain
  • In मांगलिक योग -MANGLIK YOGA

मांगलिक योग
सबसे पहले यह जानना आवश्यक है की मंगलीक दोष नहीं एक योग होता है,वास्तव में किसी भी कुंडली में मांगलिक एक दोष नहीं योग माना जाता है परन्तु बहुत से ज्योतिषी मांगलिक दोष कह कर लोगों के मनों को डर और वहम से भर देते है । अगर मांगलिक योग के बारे में सही ढंग से पढ़ा और समझा जाये तो मांगलिक होना कोई दुःख की बात नहीं,अक्सर देखा जाता है किसी के भी माता पिता को अपने पुत्र और पुत्री के मांगलिक योग होने पर घबरा जाते है या मन में डर पैदा हो जाता है लेकिन ऐसा नहीं है इसलिए मांगलिक के बारे में अच्छी तरह समझ लेना ही आवश्यक है ।
हर इंसान को यह बात अवश्य जान लेना चाहिए की मांगलिक योग को मंगल ग्रह से देखा जाता है,मंगल लग्न कुंडली में किस स्थान में या कौन से भाव में बैठा है उसके अनुसार मांगलिक योग को देखा जाता है ।
हर इंसान यह जानता है की मंगल ग्रह मानव के शरीर का प्रतीक माना जाता है और विवाह के संबंध में मुख्या भूमिका होती है मांगलिक योग की क्यों की विवाह वह संस्था है जो हमारे शरीर की आवश्यकताओं को पूरा करता है और आगे पीढ़ियों में सहायक होता है और इन दोनों कार्यों के लिए शरीर का होना आवश्यक है । प्रत्येक इंसान को अपना जीवन सम्पूर्ण बनाने के लिए एक साथी की आवश्यकता होती है ।
वास्तविक में मंगलीक योग के बारे में न तो – युर्ज वेद ,अथर्व वेद और ना ही ऋग्वेद में लिखा है ।

मांगलिक के बारे में इन वेद पुस्तकों की रचना के बाद ही लिखा गया है । इस योग के बारे में
“फलित-ज्योतिष”, “फलित-मारतुण्ड”,और “मुहूर्त -चिंतामणि” में विवरण मिलता है।
मंगल ग्रह के बारे में
मूल त्रिकोण राशि -मेष
उच्च राशि -मकर
नीच राशि -कर्क
रत्न -मूंगा
जात-क्षत्रिय
तत्व -अग्नि
धातु -ताम्बा,कांस्य,सोना
कारक-जमीन,छोटा भाई
मंगल ग्रह का लिंग -पुरुष
वैदिक मंत्र -ॐ भौमाय नमः

यदि मंगल ग्रह लग्न कुंडली में पहले भाव,चौथे भाव,सातवें भाव,आठवें भाव और बाहरवें भाव में बैठा हो तो वह कुंडली मंगलीक योग मानी जाती है ।

Tags:about astrologyall india astrologyall india best astrologyall life remediesAll life remedies in asrologyAll punjab best astrologerALL WORLD ASTROLOGYall world best astrologerastrologer ashwani jainastrologyastrology basicASTROLOGY RULESastrology stoneayodhyaayodhya dhamayodhya mandirbasic of gemsBEST ASTROLOGER IN CANADAbest astrologer in indiaBEST ASTROLOGER IN LUDHIANAbest astrologer in mumbaibest stone adviseDAILY BLOGDAILY POSTForeign SettlementForeign Settlement Part-10gemsindian astrologyjoshi astro gyan ganga groupJoshi astro gyan ganga group ashwani jainJYOTISHlearn astrologymember of joshi astro gyan ganga groupout of countryRAJESH JOSHI ASTROLOGERrajesh joshi astrologer in ludhianarajesh joshi astrologer ludhianaremediesstonestop divorce by astrologerVRISH LAGN PRATHM BHAV MEIN MANGLIK BHANG YOGAकुंडली के १२ भावों के नामज्योतिष के सूत्रज्योतिष सीखेंतुला लग्न में सातवें भाव में मंगलीक भंग योगत्रिशक्ति रत्न कब पहने? कन्या लग्न..मंगलीक भंग योगमिथुन लग्न मे आठवें भाव मे मंगलीक भंग योगमेष लग्न प्रथम भाव में मंगलीक भंग योगविदेश में हमेशा रहने का योग भाग-२साढ़ेसाती कैसे देखें ?तीसरा ढैयासिंह लग्न में चौथे में भाव मंगलीक भंग योग
  • Share:
Ashwani Jain

Recent Posts

योग की परिभाषा-Definition of yoga
08May,2025
हर्ष विपरीत राजयोग
07May,2025
सरल विपरीत राजयोग
06May,2025

Get in touch

+91 991 401 2222

info@astrologerashwanijain.com

jainashwani551@gmail.com

7 Madhuban Enclave-B, Barewal Rd, Ludhiana, Punjab 141012

Useful Links

  • Home
  • Astrology Reading
  • Blog
  • About Me
  • Contact
  • Payment
  • BIRTHDAY TIPS FREE

Social Links

  • Facebook
  • Twitter
  • Linkedin
  • Instagram
  • Youtube

Newsletters

Subscribe to get updates right in your inbox. We promise to not send you spams.

All Right Reserved @ Astrologer Ashwani Jain