भावेश-Bhavesh-भाव व्याख्यान
कुंडली के सभी भावों को निम्नलिखत शब्दों द्वारा संबोधित किया जाता है :-
१.लग्नेश २.द्वितीयेश
३.तृतीयेश ४.चतुर्थेश
५.पंचमेश ६.षष्ठेश
७.सप्तमेश ८.अष्टमेश
९.नवमेश १०.दशमेश
११.एकादशेश १२.द्वादशेश
नोट-भाव की राशि के स्वामी को भावेश कहा जाता है।
भाव व्याख्यान -:
केन्द्र भाव :- पहला,चौथा,सातवां और दसवां भाव केन्द्र भाव होते है। (यह भाव अच्छे माने जाते है)
त्रिकोण भाव :-पहला,पांचवां और नौवां भाव त्रिकोण भाव होते है। (यह भाव सदैव शुभ माने जाते है)
उपाचय भाव :-तीसरा,छठा और ग्याहरवां भाव उपाचय भाव होते है।(जो की अच्छा भी हो सकता है और बुरा भी)
त्रिक भाव :-छठा,आठवां और बाहरवां भाव त्रिक भाव होते है (यह सदैव अशुभ माने जाते है)
Tags:All punjab best astrologerastrology basicASTROLOGY RULESayodhya dhamayodhya mandirBEST ASTROLOGER IN CANADABEST ASTROLOGER IN LUDHIANADAILY BLOGDAILY POSTForeign Settlement Part-10indian astrologyjoshi astro gyan ganga groupjoshiastrogyangangagroupJYOTISHlearn astrologymember of joshi astro gyan ganga groupRAJESH JOSHI ASTROLOGERremediesज्योतिष में भावेशज्योतिष सीखें