सिंह लग्न में चौथे में भाव मंगलीक भंग योग-
सिंह लग्न में चौथे में भाव मंगलीक भंग योग-
सिंह लग्न की कुंडली में अगर मंगल देवता चौथे भाव में हो तो मंगलीक भंग योग बनता है क्यों की मंगल ग्रह इस लग्न कुंडली में अति योगकारक है और स्वराशि भी है ।लग्नेश सूर्य के अति मित्र भी है जिस कारण मंगलीक भंग योग भी बनता है । अगर लग्नेश बलि हो तो रुचक नामक पंचमहापुरुष योग भी बनाता है जो की एक कारण और बनता है मंगलीक भंग योग बनने का।चौथे भाव में मंगल सुख सुविधाएं की कमी नहीं आने देगा ।
स्वराशि -ज्योतिष के मुताबिक सबसे अच्छा ग्रह स्वराशि होता है क्यों की उसका अपना ही घर होता है जो की खुद
को नुकसान नहीं पहुंचाएगा उल्टा अपनी रक्षा करेगा ।
नोट -ग्रहों का बल और और डिग्री वाइज अवश्य चेक कर लें ।