बिसनेस करने वालों को ज्यादातर बिसनेस-दुकान ना चलने की यह समस्या आती रहती है उनका
एक ही टारगेट होता है के उनका बिसनेस चलता रहें लेकिन फिर भी इतने पूजा-पाठ,उपाय और
टोटके करने
बिसनेस करने वालों को ज्यादातर बिसनेस-दुकान ना चलने की यह समस्या आती रहती है उनका एक ही टारगेट होता है के
उनका बिसनेस चलता रहें लेकिन फिर भी इतने पूजा-पाठ,उपाय और टोटके करने के बावजूद
पूर्णिमा 11 अगस्त 2022 को लुधियाना पंजाब मे 10:40 सुबह से शुरू होकर 12-8-2022 को 7:04 सुबह तक है | और भद्रा
11-8-2022 को रात्रि 20:53 तक है |इसके अतिरिक्त 11 अगस्त,गुरुवार को चन्द्रमा मकर
व्यपार करने वालों को अक़्सर व्यपार ना चलने की यह समस्या आखिर आती
रहती है उनका एक लक्ष्य होता है के उनका व्यापार चलता रहें इतना उपाय
टोटके करने के बावजूद
व्यपार करने वालों को अक़्सर व्यपार ना चलने की यह समस्या आखिर आती रहती है उनका एक लक्ष्य होता है के उनका
व्यापार चलता रहें इतना उपाय टोटके करने के बावजूद भी आखिर उनका
व्यपार करने वालों को अक़्सर व्यपार ना चलने की यह समस्या आखिर आती रहती है उनका एक लक्ष्य होता है के उनका व्यापार चलता रहें इतना उपाय टोटके करने के बावजूद भी आखिर उनका व्यापार मंदा ही रहता है
Millionaires Don’t Have Astrologers, Billionaires Do
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For ages, humans have looked to the heavens for guidance. Astrology is a system that
दशम भाव का मालिक शनि सप्तम भाव में उच्च के हो और चंद्र ग्रह साथ हो तो जातक प्रॉपर्टी सम्बन्ध कार्य या पार्टर्नशिप करके सफलता प्राप्त कर सकता है।
अगर दशम भाव का स्वामी शनि छठे भाव में हो और
मंगलीक योग होता है तो मंगलीक भंग योग भी होता है।
इस वीडियो मे यह बताने की पूरी कोशिश की गई है की किसी कारणवश मांगलिक योग भंग भी हो जाता है । परन्तु अल्प-ज्ञानी ज्योतिष
पुखराज रत्न कब धारण करें ?
कर्क लग्न की कुंडली मे 1,2,4,5,9,10,11 भावों अगर गुरु देव बैठे हो तो पुखराज रत्न धारण किया जा सकता है !धारण करने की विधि-धातु-सोना,पीतल, पक्ष-शुक्लऊँगली-तर्जनी,दिन-गुरुवारसमय-सूर्य उदय के एक घंटे के अंदर!ध्यान
पुखराज रत्न कब धारण करें ?
पुखराज मिथुन लग्न
मिथुन लग्न की कुंडली मे 1,2,4,5,7,9,10,11 भावों अगर गुरु देव बैठे हो तो पुखराज रत्न धारण किया जा सकता है !धारण करने की विधि-धातु-सोना,पीतल, पक्ष-शुक्लऊँगली-तर्जनी,दिन-गुरुवारसमय-सूर्य उदय
जानिए ग्रह नीच भंग कब होता है?
गुरु देवता 20 नवंबर 2020 मे मकर राशि मे गोचर करेंगे जो की शनि देव के साथ मकर राशि मे 6 अप्रैल 2021 तक रहेंगे!18 जनवरी 2021 को अस्त होंगे
जानिए चंद्र ग्रह अनुसार एक ऐसा रहस्य जाने खुद ही यात्रा और शुभ कार्य मे सफलता मिलेगी या नहीं
https://youtu.be/K1yNS57u0jk
दीपावली पर प्रमुख नगरों के लिए महालक्ष्मी पूजन मुहूर्त
14/11/2020 दिन शनिवार
महालक्ष्मी पूजन प्रदोष काल मे किये जाने विधान है प्रदोष काल सूर्यास्त के पश्चात 1 घंटे का लिया गया है !इसके इलावा आधुनिक ज्योतिष मे महालक्ष्मी पूजन स्थिर
दिवाली पर कुछ खास उनके उपाय जिनके ग्रहों से हमें बहुत डराया जाता है
जैसे की शनि,राहु और केतु !जिसकी भी लग्न कुंडली मे शनि, राहु केतु नीच के और मारक हो या 6,8,12 भाव मे बैठे हो या फिर
वास्तु और ग्रहों का सम्भन्ध
अगर आपकी लग्न कुंडली मे शनि-राहु-मंगल
देव ग्रह सही ना हो या नीच हो उनका प्रभाव
बुरा हो तो वास्तु के मुताबिक कुछ चीज़ों को
ध्यान मे रख कर उनके बुरे प्रभाव मे
कमी आ
राहुदेव फलादेश वृश्चिक लग्न 7 से 12 भाव
लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई भी स्वराशि नहीं होती,राहु और केतु देवता मित्र राशि या उच्च हों और अच्छे भाव मे बैठे हो तो अच्छा फल
कार्तिक मास,उपाय,और फलादेश
कार्तिक मास 18-10-2020 से 21-11-2020 तक !
जन्मकुंडली मे ज़ब सूर्य देव तुला राशि या नीच के हो तो उस जातक को कार्तिक की पूजा या सूर्य देव के दान अवश्य करने चाहिए,ज़बकी लग्न कुंडली मे सूर्य
क्या आप जानते है अगर आपकी जन्म कुंडली में राहु केतु शनि मंगल ग्रह अगर नीच-मारक-६,८,१२ भाव में हो या बुरे प्रभाव दे रहे हो तो हमे वास्तु के मुताबिक अपने घर या ऑफिस में वास्तु के मुताबिक सही