कर्क लग्न की कुंडली मे लग्न मे चंद्र स्वराशि के, और उच्च के गुरु हो, शुक्र और चौथे भाव मे स्वराशि के, मंगल पंचम भाव मे स्वराशि के हो तो राजयोग बनता है, जातक राजा के सम्मान ऐश्वर्या ऐंव वैभव को भोगता है। जातक राजनीती प्रोफेशनल (टीचर, प्रोफेसर) मे तरक्की करता है।