व्यवसाय और उपाय वृष लग्न
व्यपार करने वालों को अक़्सर व्यपार ना चलने की यह समस्या आखिर आती रहती है उनका एक लक्ष्य होता है के उनका
व्यापार चलता रहें इतना उपाय टोटके करने के बावजूद भी आखिर उनका व्यापार मंदा ही रहता है ऐसा क्यों?क्यों की जो भी
उपाय टोटके करते है लग्न कुंडली के द्वारा नहीं करते जबकि अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए जातक/जातिका को लग्न कुंडली
के ग्रहों के मुताबिक उपाय करने चाहिए और लग्न कुंडली के ग्रहों के मुताबिक ही व्यवसाय करना चाहिए कई बार कुंडली
अर्थात जन्मपत्रिका के मुताबिक व्यवसाय करना ठीक नहीं होता लेकिन फिर भी इन्वेस्टमेंट कर लेता है जातक तो उस समय मे
जातिका/जातक को उपाय ही एक मात्र सहारा है लेकिन कैसे? यह देखने के लिए कई भागों मे उदाहरण सहित बताया गया है |
अगर आपकी लग्न कुंडली अर्थात जन्म कुंडली वृष लग्न की हो और दशम भाव का स्वामी शनि देव और सप्तम भाव का स्वामी
मंगल नीच अवस्था मे हो या दशम भाव का स्वामी अस्टम भाव,छठे भाव,द्वादश भाव मे हो और मंगल देव नीच के तीसरे भाव मे
हो तो ऐसे मे जातक को व्यापार मे इन्वेस्टमेंट करने से परहेज़ करना चाहिए अगर फिर भी कर ले तो जातक को हर शनिवार
को पीपल के नीचे दीपक सरसों के तेल का जलाना चाहिए |ॐ शनये नमः का जाप करना चाहिए |काला रंग का उपयोग कम
बल्कि दान अधिक करना चाहिए | हर मंगलवार को चमेली का तेल हनुमान जी के लगाएं | हर मंगलवार को मीठा बाँटे कुछ भी
या बच्चों को टाफीयां भी दें सकते है |ऐसा करने से लाभ होने के चांस ज्यादा बनते है |व्यापार और मे दिक्कत कम होने के चांस होते है |
साढ़ेसाती के बारें में कुछ जरूरी बातें।
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