क्या आप जानते है ?कन्या लग्न कुंडली में कब पुखराज रत्न पहन सकते है ?
कन्या लग्न की कुंडली मे 1,2,4,7,9,10,11 भावों अगर गुरु देव बैठे हो तो पुखराज रत्न धारण किया जा सकता है !धारण करने
त्रिशक्ति रत्न कब पहने?मिथुन लग्न..
मिथुन लग्न जन्मकुंडली मे ज़ब त्रिकोण के स्वामी बुध,शुक्र,शनि तीनो ग्रह या इनमे से कोई भी ग्रह इन भावों मे बैठे हो तो त्रिशक्ति रत्न पहन सकते है !
ध्यान दें-शनि देव जी की साढ़ेसाती
त्रिशक्ति रत्न कब पहने?कर्क लग्न…
कर्क लग्न की जन्मकुंडली मे त्रिकोण भाव के स्वामी चंद्र,मंगल,गुरु ज़ब 2,4,9,10,11 इन्ही भावों मे तीनो ग्रह या इनमे से कोई भी ग्रह बैठे हो तो त्रिशक्ति रत्न पहन सकते है !और अधिक जानकारी
सिंह लग्न की जन्मकुंडली मे अगर त्रिकोण भाव के स्वामी सूर्य, मंगल,गुरु ज़ब 1,2,4,5,7,9,10,11 भावों मे तीनो ग्रह या इनमे मे से कोई भी ग्रह इन्ही भावों बैठे हो तो त्रिशक्ति रत्न पहना जा सकता है !और अधिक जानकारी
त्रिशक्ति रत्न कब पहने? कन्या लग्न
कन्या लग्न की जन्मकुंडली मे अगर त्रिकोण भाव के स्वामी बुध,शनि,शुक्र,2,4,5,9,10,11 भावों मे तीनो ग्रह या इनमे मे से कोई भी ग्रह इन्ही भावों बैठे हो तो त्रिशक्ति रत्न पहना जा सकता है
त्रिशक्ति रत्न कब पहने? तुला लग्न…
तुला लग्न की जन्मकुंडली मे अगर त्रिकोण भाव के स्वामी बुध,शनि,शुक्र,
1,2,4,5,9,10,11 भावों मे तीनो ग्रह या इनमे मे से कोई भी ग्रह इन्ही भावों बैठे हो तो त्रिशक्ति रत्न पहना जा सकता
त्रिशक्ति रत्न कब पहने? वृश्चिक लग्न…
वृश्चिकलग्न की जन्मकुंडली मे अगर त्रिकोण भाव के स्वामी मंगल,चंद्र,गुरु
2,4,5,7,10,11 भावों मे तीनो ग्रह या इनमे मे से कोई भी ग्रह इन्ही भावों बैठे हो तो त्रिशक्ति रत्न पहना जा सकता है
त्रिशक्ति रत्न कब पहने? धनु लग्न…
धनु लग्न की जन्मकुंडली मे अगर त्रिकोण भाव के स्वामी गुरु,सूर्य,मंगल
1,4,5,7,9,10,भावों मे तीनो ग्रह या इनमे मे से कोई भी ग्रह इन्ही भावों बैठे हो तो त्रिशक्ति रत्न पहना जा सकता है
त्रिशक्ति रत्न कब पहने?मकर लग्न…
मकर लग्न की जन्मकुंडली मे अगर त्रिकोण भाव के स्वामी शनि,बुध, शुक्र
1,2,5,7,10,11भावों मे तीनो ग्रह या इनमे मे से कोई भी ग्रह इन्ही भावों बैठे हो तो त्रिशक्ति रत्न पहना जा सकता है
नवम भाव मे बैठे शनि चंद्र विष योग बनाएंगे !लेकिन ध्यान दे के शनि देव अति योगकारक और स्वराशि ग्रह होने के कारण बुरा फल नही देंगे !यहाँ सिर्फ चंद्र देव ही बुरा फल देंगे !
फल -चंद्र देव
दशम भाव मे बैठे शनि और चंद्र विष योग बनाएंगे लेकिन ध्यान दें यहां बैठे शनि देव बुरा फल नहीं देंगे चंद्र देव देंगे जिनकी वजह से विष योग बनेगा !चंद्र देव शनि देव के अच्छे फल मे कमी
ग्यारहवें भाव मे बैठे शनि चंद्र दोनों ही विष योग बनाएंगे यहाँ दोनों ग्रह मारक है शनि देव नीच के होने की वजह से मारक हुए तो यहां दोनों ग्रह बुरा प्रभाव देंगे !
नीच के शनि देव शरीरिक
बारहवें भाव मे बैठे शनि चंद्र दोनों ही विष योग बनाएंगे लेकिन एक बात ध्यान देने योग्य यही है की कहीं शनि देव विपरीत राजयोग मे ना हो अगर शनि देव विपरीत राजयोग मे होंगे तो विष योग बनने
विष योग कर्क लग्न पार्ट-1
कर्क लग्न की कुंडली मे लग्न भाव मे बैठे शनि चंद्र विष योग बनाएंगे लेकिन यहाँ चंद्र देवता बुरा प्रभाव नहीं देंगे क्यूंकि लग्नेश अपनी ही राशि मे बैठे है इसलिए !शनि देवता
विष योग कर्क लग्न पार्ट-3
तीसरे भाव मे बैठे शनि देव कर्क लग्न मे विष योग बनाएंगे दोनों ग्रह ही यहाँ बैठे दोनों ग्रह बुरा फल देंगे क्यूंकि की दोनों ग्रह मारक हुए !
फल -तीसरे भाव मे बैठे
विष योग कर्क लग्न पार्ट-2
कर्क लग्न की कुंडली मे दूसरे भाव मे बैठे चंद्र शनि विष योग बनाएंगे लेकिन यहां शनि देव बुरा फल देंगे और चंद्र देव के अच्छे फलों मे कमी लाएंगे !
फल-शनि देव दूसरे भाव
चौथे भाव मे बैठे शनि चंद्र कर्क लग्न मे विष योग बनाएंगे लेकिन यहाँ चंद्र देवता योगकारक होकर केंद्र भाव चौथे स्थान मे बैठे है जो की बहुत अच्छा माना जाता है और उनका कारक भाव भी है !तो
पांचवे भाव मे बैठे शनि चंद्र विष योग बनाएंगे लेकिन यहाँ शनि देव बुरा फल देंगे और चंद्र देव भी यहाँ बुरा फल देंगे क्यूंकि चंद्र देव लग्नेश होकर त्रिकोण में नीच के होकर बैठे है तो अतिमारक हुए
छठे भाव मे बैठे शनि चंद्र दोनों विष योग बनाएंगे यहाँ दोनों ही बुरा फल देंगे क्यूंकि दोनों ग्रह मारक हुए, शनि देव भी विपरीत राजयोग पर नहीं आ सकते क्यूंकि लग्नेश चंद्र भी मारक है तो साफ है के
1.कुछ लोग वार के अनुसार वस्त्र पहनते है, यह हर किसी के लिए सही नहीं होता क्यूंकि कुंडली मे जो ग्रह अच्छे है उसके ही वस्त्र पहनना चाहिए जो बुरे है उसके नहीं पहनना चाहिए !
2.मंत्र जाप करने के