व्यपार करने वालों को अक़्सर व्यपार ना चलने की यह समस्या आखिर आती रहती है उनका एक लक्ष्य होता है के उनका व्यापार चलता रहें इतना उपाय टोटके करने के बावजूद भी आखिर उनका व्यापार मंदा ही रहता है
लग्नेश मंगल अगर लग्न भाव,दूसरे,तीसरे,पंचम,सप्तम,नवम,दशम,एकादश भाव में हो और बुध देव छठे या आठवें भाव में हो और पंचमेश नवम भाव में हो तो जातक मेहनत करके पुलिस अफसर,आर्मी या कोई भी सरकारी नौकरी में अच्छा पद प्राप्त कर
ज्योतिष का अर्थ प्रकाशित करना है। ज्यादातर व्यक्ति यह निर्णय लेने में असमर्थ है के वो व्यवसाय करे,नौकरी या दोनों ही तो ज्योतिष द्वारा हमे लग्न कुंडली देखकर यह जान सकते है की हमे व्यवसाय करना चाहिए या नौकरी
दशम भाव का मालिक शनि सप्तम भाव में उच्च के हो और चंद्र ग्रह साथ हो तो जातक प्रॉपर्टी सम्बन्ध कार्य या पार्टर्नशिप करके सफलता प्राप्त कर सकता है।
अगर दशम भाव का स्वामी शनि छठे भाव में हो और