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best astrologer in india

07 Sep

चंद्र ग्रहण के दौरान क्या दान करें?

  • By Ashwani Jain
  • In चंद्रग्रहण
चंद्र ग्रहण के दौरान क्या दान करें?
चंद्र ग्रहण के समय (21:57 से 01:26 तक रात) उस समय आप सफ़ेद चीज़ें जैसे की-चीनी,दूध,चावल,सफ़ेद बर्फी या कोई भी सफ़ेद मिठाई इनमे कुछ भी एक चीज आप उसी समय रख लें और अगले दिन सुबह सोमवार को आप
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05 Sep

चंद्र ग्रहण ग्रहण 07-09-2025

  • By Ashwani Jain
  • In astrologer ashwani jain, BEST ASTROLOGER IN INDIA, चंद्र ग्रहण ग्रहण 07-09-2025
चंद्र ग्रहण ग्रहण सूतक 7 सितंबर 2025 को दोपहर 12:57 से शुरू हो जायेगा। ग्रहण प्रारम्भ -21:57
सूतक7 सितंबर 2025 को दोपहर 12:57 से शुरू हो जायेगा। ग्रहण प्रारम्भ -21:57 ग्रहण प्रारम्भ समय –खग्रास प्रारम्भ -23:01ग्रहण मध्य मे -23:42खग्रास समाप्त -24:23 यानि (00:23)ग्रहण समाप्ति-25:26 यानि (रात 1:26)
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01 Sep

राजयोग और योग की परिभाषा

  • By Ashwani Jain
  • In Ashwani jain astrologer, RAJYOG
राजयोग और योग की परिभाषा योग (युति योग)- दो ग्रहों का एक साथ बैठना ही योग कहलाता है। एक साथ बैठे ग्रहों को युति भी कहते है।योग जन्म लग्न कुंडली के मुताबिक अच्छा या बुरा फल
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08 May

योग की परिभाषा-Definition of yoga

  • By Ashwani Jain
  • In योग की परिभाषा-Definition of yoga
योग (युति योग) की परिभाषा- दो ग्रहों का एक साथ बैठना ही योग कहलाता है। एक साथ बैठे ग्रहों को युति भी कहते है। योग जन्म लग्न कुंडली के मुताबिक अच्छा या बुरा फल देते है। शुभ योग जानने
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07 May

हर्ष विपरीत राजयोग

  • By Ashwani Jain
  • In हर्ष विपरीत राजयोग
अगर छठे भाव का स्वामी लग्न कुंडली में ६,८,१२ में बैठा हो तो उसे हर्ष विपरीत राजयोग कहा जाता है। लग्नेश अगर बली हो तभी ही विपरीत राजयोग के फल प्राप्त होंगे लग्नेश बली और डिग्री वाइज बलाबल होना जरूरी
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06 May

सरल विपरीत राजयोग

  • By Ashwani Jain
  • In सरल विपरीत राजयोग
सरल विपरीत राजयोग- अगर लग्न कुंडली में आठवें घर का मालिक ६,८,१२ भाव में पड़ा हो तो वो सरल विपरीत राजयोग माना जाता है । अगर आठवें भाव का मालिक ६,८,१२ में पड़ा हो और बुरे ग्रहों के साथ युति
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05 May

विमल विपरीत राजयोग

  • By Ashwani Jain
  • In विमल विपरीत राजयोग
विमल विपरीत राजयोग- अगर लग्न कुंडली में बाहरवें घर का मालिक ६,८,१२ भाव में पड़ा हो तो वो विमल विपरीत राजयोग माना जाता है । अगर बाहरवें भाव का मालिक ६,८,१२ में पड़ा हो और बुरे ग्रहों के साथ युति
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04 May

विपरीत राज योग-परिभाषा

  • By Ashwani Jain
  • In विपरीत राज योग-परिभाषा
परिभाषा -अगर लग्न कुंडली में त्रिक स्थान का मालिक (६,८,१२) त्रिक स्थान में ही बैठा हो तो वो अपनी दशा ,अन्तरदशा में सदैव अच्छा फल देता है पर लग्नेश बलि अवश्य होना चाहिए । लेकिन अगर लग्न कुंडली में लग्नेश
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03 May

विष योग-VISH YOGA

  • By Ashwani Jain
  • In विष योग-vish yoga
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विष योग-VISH YOGA
विष योग- लग्न कुंडली मे शुभ और अशुभ योगों का बहुत महत्व है ज़ब कोई शुभ योग बनता है लग्न कुंडली मे तो जातक को सुख सुविधाओं से भरपूर कर देता है हर तरह की इच्छा पूरी होती ज़ब अशुभ
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02 May

विष योग मेष लग्न पार्ट -1

  • By Ashwani Jain
  • In विष योग मेष लग्न पार्ट -1
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मेष लग्न की कुंडली मे लग्न मे बैठे शनि चंद्र विष योग बनाते है क्यों की शनि देव यहाँ नीच के हो गए है और चंद्र देव अति योगकारक होकर लग्न भाव मे बैठे है तो यहाँ पर शनि देव
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01 May

विष योग मेष लग्न पार्ट -2

  • By Ashwani Jain
  • In विष योग मेष लग्न पार्ट -2
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मेष लग्न की कुंडली मे लग्न में बैठे शनि देव नीच के होकर तीसरे भाव मे मारक होकर बैठे चंद्र देव पर तीसरी दृष्टी से देख रहे है जिस कारण विष योग बन रहा है इस लग्न कुंडली मे !
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30 Apr

विष योग मेष लग्न पार्ट -3

  • By Ashwani Jain
  • In विष योग मेष लग्न पार्ट -3
मेष लग्न की कुंडली मे लग्न मे बैठे नीच के शनि देव मारक होकर सातवीं दृष्टी सातवें भाव में बैठे अतियोगकारक चंद्र देव को देख रहे है जिस कारण विष योग बनता है लेकिन ध्यान देने योग्य बात यही है
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29 Apr

विष योग मेष लग्न पार्ट -4

  • By Ashwani Jain
  • In विष योग मेष लग्न पार्ट -4
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VISH YOG
मेष लग्न की कुंडली मे लग्न मे बैठे नीच के शनि देव मारक होकर दसवीं दृष्टी दसवें भाव में बैठे अतियोगकारक चंद्र देव को देख रहे है जिस कारण विष योग बनता है लेकिन ध्यान देने योग्य बात यही है
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28 Apr

विष योग मेष लग्न पार्ट -5

  • By Ashwani Jain
  • In विष योग मेष लग्न पार्ट -5
मेष लग्न की कुंडली मे दूसरे भाव मे बैठे शनि देव और चंद्र देव विष योग नही बनाएंगे क्यों की यहाँ शनि देव दूसरे भाव मे सम होकर बैठे है और चंद्र देवता अतियोगकारक होकर उच्च के होकर बैठे है
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27 Apr

विष योग मेष लग्न पार्ट -6

  • By Ashwani Jain
  • In विष योग मेष लग्न पार्ट -6
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VISH YOG 3
मेष लग्न की कुंडली मे तीसरे भाव मे बैठे शनि और चंद्र देव दोनों मारक होने के कारण विष योग बनाएंगे यहाँ पर दोनों ग्रह बुरा फल देंगे ! यहाँ दोनों का शनि और चंद्र का दान होगा. फल -लग्न
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26 Apr

विष योग मेष लग्न पार्ट -7

  • By Ashwani Jain
  • In all india astrology, विष योग मेष लग्न पार्ट -7
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VISH YOG 7
मेष लग्न की कुंडली मे चौथे भाव मे बैठे शनि देव और चंद्र देव विष योग नही बनाएंगे क्यों की यहाँ शनि देव चौथे भाव मे सम होकर बैठे है और चंद्र देवता अतियोगकारक होकर अपनी ही राशि मे बैठे
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25 Apr

विष योग मेष लग्न पार्ट -8

  • By Ashwani Jain
  • In विष योग मेष लग्न पार्ट -8
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मेष लग्न की कुंडली मे पांचवेें भाव मे बैठे शनि देव और चंद्र देव विष योग नही बनाएंगे क्यों की यहाँ शनि देव पांचवें भाव मे सम होकर बैठे है और चंद्र देवता अतियोगकारक होकर अपनी ही राशि मे बैठे
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24 Apr

विष योग मेष लग्न पार्ट -9

  • By Ashwani Jain
  • In विष योग मेष लग्न पार्ट -9
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मेष लग्न की कुंडली मे छठे भाव मे बैठे शनि और चंद्र देव दोनों मारक होने के कारण विष योग बनाएंगे यहाँ पर दोनों ग्रह बुरा फल देंगे ! यहाँ दोनों का शनि और चंद्र का दान होगा.
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23 Apr

विष योग मेष लग्न पार्ट -10

  • By Ashwani Jain
  • In विष योग मेष लग्न पार्ट -10
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मेष लग्न की कुंडली मे सातवें भाव मे बैठे शनि देव और चंद्र देव विष योग नही बनाएंगे क्यों की यहाँ शनि देव सप्तम भाव मे सम होकर उच्च के भी होकर बैठे है जो की योगकारक ग्रह
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22 Apr

विष योग मेष लग्न पार्ट -11

  • By Ashwani Jain
  • In विष योग मेष लग्न पार्ट -11
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मेष लग्न की कुंडली मे आठवें भाव मे बैठे शनि देव और चंद्र देव विष योग बनाएंगे क्यों की यहाँ शनि देव अस्टम भाव में मारक होकर बैठे है जो की अतिमारक ग्रह हुए और चंद्र देवता यहाँ अस्टम भाव
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