वृष लग्न की कुंडली मे चौथे भाव मे बैठे शनि और चंद्र देवता विष योग बनाएंगे लेकिन ध्यान देने योग्य बात यही है की यहाँ चंद्र देवता की वजह से विष योग बनेगा चंद्र देवता की ही पूजा, उपाय
मीन लग्न में मंगल देवता अगर पहले भाव में हो तो जातक मंगलीक नहीं होता क्यों की यहां पर मंगल ग्रह योगकारक है और त्रिकोण (भाग्य ) के स्वामी भी है। इसलिए मंगल के दोष का परिहार होता है और
वृष लग्न की कुंडली मे सातवें भाव मे बैठे चंद्र और शनि देव विष योग बनाएंगे लेकिन ध्यान देने योग्य बात यही है की यहाँ चंद्र देवता नीच के हो गए है और शनि देव योगकारक हुए तो विष
राहु चंद्र ग्रहण भंग योग सभी लग्न
राहु चंद्र से ग्रहण योग होता है तो ग्रहण भंग योग भी बनता है बहुत कम जानकारों को इसका ज्ञान होता है। उदाहरण के तौर पर मैंने सभी लग्न वालों के लिए कहां-कहां
दशम भाव का मालिक शनि सप्तम भाव में उच्च के हो और चंद्र ग्रह साथ हो तो जातक प्रॉपर्टी सम्बन्ध कार्य या पार्टर्नशिप करके सफलता प्राप्त कर सकता है।
अगर दशम भाव का स्वामी शनि छठे भाव में हो और
राहुदेव फलादेश वृश्चिक लग्न 7 से 12 भाव
लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई भी स्वराशि नहीं होती,राहु और केतु देवता मित्र राशि या उच्च हों और अच्छे भाव मे बैठे हो तो अच्छा फल
कार्तिक मास,उपाय,और फलादेश
कार्तिक मास 18-10-2020 से 21-11-2020 तक !
जन्मकुंडली मे ज़ब सूर्य देव तुला राशि या नीच के हो तो उस जातक को कार्तिक की पूजा या सूर्य देव के दान अवश्य करने चाहिए,ज़बकी लग्न कुंडली मे सूर्य
गोचर कैसे देखें? राहु-केतु 23-9-2020
आज हम बात करते है गोचर के राहु केतु के बारे मे जो की 23 सितम्बर 2020 को वक्री होकर वृष और वृश्चिक राशि उच्च के होकर आ रहें है जो की 12 अप्रैल 2022
केतुदेव फलादेश 7 से 12 भाव कर्क लग्न…
7.सातवां भाव फल-अच्छा,राशि-मित्र,भाव-अच्छा
8.आठवां भाव फल-बुरा,राशि-मित्र,भाव-बुरा
9.नवम भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा
10.दशम भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा
11.ग्यारहवां भाव फल-बूरा,राशि-नीच,भाव-अच्छा
12.बारहवां भाव फल-बुरा,राशि-नीच,भाव-बुरा
अक्सर हमें केतु देवता से डराया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है !
लग्न
केतुदेव फलादेश 1 से 6 भाव कर्क लग्न
अक्सर हमें केतु देवता से डराया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है !
1.पहला भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव अच्छा
2.दूसरा भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा
3.तीसरा भाव फल-बुरा,राशि-मित्र,भाव-बुरा
4.चौथा भाव फल-अच्छा,राशि-मित्र, भाव-अच्छा
5.पांचवां भाव फल-अच्छा,राशि-उच्च,भाव-अच्छा
6.छठा भाव
अक्सर हमें राहु देवता से डराया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है !
राहुदेव फलादेश 7 से 12 भाव कर्क लग्न..
7.सातवां भाव फल-अच्छा,राशि-मित्र,भाव-अच्छा
8.आठवां भाव फल-बुरा,राशि-मित्र,भाव-बुरा
9.नवम भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा
10.दशम भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा
11.ग्यारहवां भाव फल-अच्छा,राशि-उच्च,भाव-अच्छा
12.बारहवां भाव फल-बुरा,राशि-उच्च,भाव-बुरा
राहुदेव फलादेश 1 से 6 भाव कर्क लग्न…
1.पहला भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव अच्छा
2.दूसरा भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा
3.तीसरा भाव फल-बुरा,राशि-मित्र,भाव-बुरा
4.चौथा भाव फल-अच्छा,राशि-मित्र, भाव-अच्छा
5.पांचवां भाव फल-अच्छा,राशि-नीच,भाव-अच्छा
6.छठा भाव फल-बुरा,राशि-नीच,भाव-बुरा
लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई
केतुदेव फलादेश 7 से 12 भाव मिथुन लग्न…
7.सातवां भाव फल-अच्छा,राशि-उच्च,भाव-अच्छा
8.आठवां भाव फल-बुरा,राशि-मित्र,भाव-बुरा
9.नवम भाव फल-अच्छा,राशि-मित्र,भाव-अच्छा
10.दशम भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा
11.ग्यारहवां भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा
12.बारहवां भाव फल-बुरा,राशि-नीच,भाव-बुरा
बुधदेव फलादेश वृष लग्न 5 से 8 भाव…
5.पांचवां भाव-संतान,विद्या,प्रेम-प्रसंग
फल-बहुत अच्छा,योगकारक-हाँ
राशि-कन्या,भाव स्वामी-बुध,
राशि तत्व-पृथ्वी,दृष्टी-सातवीं
अवस्था-उच्च,ग्रह रंग-हरा
6.छठा भाव-शत्रु,कोर्ट केस,लड़ाई-झगड़ा
फल-बुरा,राशि-तुला,
भाव स्वामी-शुक्र,राशि तत्व-वायु,
7.सातवां भाव-पत्नी,रोजीरोजगार,
पार्टनरशिप,विवाह सुख,
फल-अच्छा,राशि-वृश्चिक,भाव स्वामी-मंगल,राशि तत्व-जल
8.आठवां भाव-मृत्यु,गुप्त ज्ञान,ससुराल,
फल-बुरा,राशि-धनु,राशि स्वामी-गुरु,राशि तत्व-अग्नि\
रत्न-ध्यान दें
त्रिशक्ति रत्न कब पहने?मकर लग्न…
मकर लग्न की जन्मकुंडली मे अगर त्रिकोण भाव के स्वामी शनि,बुध, शुक्र
1,2,5,7,10,11भावों मे तीनो ग्रह या इनमे मे से कोई भी ग्रह इन्ही भावों बैठे हो तो त्रिशक्ति रत्न पहना जा सकता है
त्रिशक्ति रत्न कब पहने? धनु लग्न…
धनु लग्न की जन्मकुंडली मे अगर त्रिकोण भाव के स्वामी गुरु,सूर्य,मंगल
1,4,5,7,9,10,भावों मे तीनो ग्रह या इनमे मे से कोई भी ग्रह इन्ही भावों बैठे हो तो त्रिशक्ति रत्न पहना जा सकता है
त्रिशक्ति रत्न कब पहने? वृश्चिक लग्न…
वृश्चिकलग्न की जन्मकुंडली मे अगर त्रिकोण भाव के स्वामी मंगल,चंद्र,गुरु
2,4,5,7,10,11 भावों मे तीनो ग्रह या इनमे मे से कोई भी ग्रह इन्ही भावों बैठे हो तो त्रिशक्ति रत्न पहना जा सकता है
त्रिशक्ति रत्न कब पहने? तुला लग्न…
तुला लग्न की जन्मकुंडली मे अगर त्रिकोण भाव के स्वामी बुध,शनि,शुक्र,
1,2,4,5,9,10,11 भावों मे तीनो ग्रह या इनमे मे से कोई भी ग्रह इन्ही भावों बैठे हो तो त्रिशक्ति रत्न पहना जा सकता