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ज्योतिष सीखें

07 Jan

मीन लग्न में सातवें भाव में मंगलीक भंग योग –

  • By Ashwani Jain
  • In मीन लग्न में मंगलीक भंग योग, मीन लग्न में सातवें भाव में मंगलीक भंग योग
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मीन लग्न में मंगल देवता अगर सातवें भाव में हो तो जातक मंगलीक नहीं होता क्यों की यहां पर मंगल ग्रह योगकारक है और त्रिकोण (भाग्य ) के स्वामी भी है। इसलिए मंगल के दोष का परिहार होता है और
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06 Jan

मिथुन राशि में गोचर का चंद्र (शुभ/अशुभ )कैसे देखें –

  • By Ashwani Jain
  • In ज्योतिष के अनुसार गोचर का चन्द्रमा(शुभ/अशुभ ) कैसे देखें, मिथुन राशि में गोचर का चंद्र (शुभ/अशुभ )कैसे देखें
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चंद्र देवता एक ऐसा ग्रह है जो ज्योतिष में सबसे तेज़ चाल से चलता है जिसका असर हमारे मन,मानसिक और स्वभाव में भी फर्क पड़ता है वो भी बहुत तेज़ी से।चंद्र एक राशि में सवा दो दिन ही रहता है
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06 Jan

मीन लग्न में चौथे भाव में मंगलीक भंग योग –

  • By Ashwani Jain
  • In मीन लग्न में चौथे भाव में मंगलीक भंग योग, मीन लग्न में मंगलीक भंग योग
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मीन लग्न में मंगल देवता अगर चौथे भाव में हो तो जातक मंगलीक नहीं होता क्यों की यहां पर मंगल ग्रह योगकारक है और त्रिकोण (भाग्य ) के स्वामी भी है। इसलिए मंगल के दोष का परिहार होता है और
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06 Jan

विष योग वृष लग्न पार्ट -2

  • By Ashwani Jain
  • In विष योग वृष लग्न पार्ट -2
  वृष लग्न की जन्म कुंडली मे दूसरे भाव मे बैठे शनि और चंद्र देवता विष योग बनाएंगे यहां ध्यान देने योग्य बात यही है की शनि देवता नवंम और दशम भाव के स्वामी होने के कारण और लग्नेश
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06 Jan

वृष राशि में गोचर का चंद्र (शुभ/अशुभ )कैसे देखें –

  • By Ashwani Jain
  • In ज्योतिष के अनुसार गोचर का चन्द्रमा(शुभ/अशुभ ) कैसे देखें, वृष राशि में गोचर का चंद्र (शुभ/अशुभ )कैसे देखें !
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चंद्र देवता एक ऐसा ग्रह है जो ज्योतिष में सबसे तेज़ चाल से चलता है जिसका असर हमारे मन,मानसिक और स्वभाव में भी फर्क पड़ता है वो भी बहुत तेज़ी से।चंद्र एक राशि में सवा दो दिन ही रहता है
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05 Jan

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-३

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-३, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
शनि,राहु,केतु की महादशा-अन्तर्दशा में भी विदेश में रहने की मददगार साबित होती है। क्यों की यह सभी ग्रह विदेश में सेट होने या यात्रा के कारक माने जाते है। शनि देव की साढ़ेसाती या ढैया भी विदेश में सेट होने
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05 Jan

विष योग वृष लग्न पार्ट -4

  • By Ashwani Jain
  • In विष योग वृष लग्न पार्ट -4
वृष लग्न की कुंडली मे चौथे भाव मे बैठे शनि और चंद्र देवता विष योग बनाएंगे लेकिन ध्यान देने योग्य बात यही है की यहाँ चंद्र देवता की वजह से विष योग बनेगा चंद्र देवता की ही पूजा, उपाय
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05 Jan

कर्क राशि में गोचर का चंद्र (शुभ/अशुभ )कैसे देखें –

  • By Ashwani Jain
  • In कर्क राशि में गोचर का चंद्र (शुभ/अशुभ )कैसे देखें –, ज्योतिष के अनुसार गोचर का चन्द्रमा(शुभ/अशुभ ) कैसे देखें
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चंद्र देवता एक ऐसा ग्रह है जो ज्योतिष में सबसे तेज़ चाल से चलता है जिसका असर हमारे मन,मानसिक और स्वभाव में भी फर्क पड़ता है वो भी बहुत तेज़ी से।चंद्र एक राशि में सवा दो दिन ही रहता है
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02 Jan

तुला लग्न में चौथे भाव में मंगलीक भंग योग-

  • By Ashwani Jain
  • In तुला लग्न में मंगलीक भंग योग
तुला लग्न में चौथे भाव में मंगलीक भंग योग- तुला लग्न की कुंडली में अगर मंगल देवता चौथे भाव में हो तो मंगलीक भंग योग बनता है क्यों की यहां बैठा मंगल उच्च के होकर चौथी दृष्टी अपने ही घर
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01 Jan

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-४

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-४, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
अगर लग्नेश (लग्न का मालिक ) बाहरवें भाव में चला जाये तो भी विदेश में रहने का योग बनता है। उदाहरण कुंडली लेकिन चौथा भाव जरूर देखें अगर चौथा भाव स्वराशि का हो तो विदेश में रहने का योग
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01 Jan

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-६

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-६, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
बाहरवें भाव का मालिक अगर दसवें भाव में पड़ा हो तो भी उसकी महादशा या अन्तर्दशा में विदेश में रहने का और वहां काम काज करने का योग बनता है क्यों की बाहरवें भाव का मालिक दसवें भाव में बैठकर
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01 Jan

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-५

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-५, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
अगर चौथे भाव का मालिक छठे भाव में चला जाये तो भी विदेश में हमेशा रहने का योग बनता है। उदारहण कुंडली
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01 Jan

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१९

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१९, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
अगर बारहवें भाव का स्वामी छठे भाव में हो और छठे भाव का स्वामी बारहवें भाव में हो तो विदेश में नौकरी करने का योग बनता है। उदाहरण कुंडली  
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01 Jan

Degree of planet-ग्रहों के अंश

  • By Ashwani Jain
  • In ज्योतिष अर्क
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ग्रहों के अंश अंश              फल देने की क्षमता ०°-६°                      २५% ६°-१२°                    ५०% १२°-१८°     
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01 Jan

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१३

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१३, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
अगर नौवें भाव का मालिक बाहरवें भाव में बैठा हो या कोई भी कनेक्शन हो तो भी उसकी महादशा-अंतरदशा में विदेश में जाने का या हमेशा रहने का योग बनता है और धार्मिक विदेश यात्रा का भी योग बनता है।
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01 Jan

ग्रह-उच्च,नीच,स्व:राशि-चार्ट

  • By Ashwani Jain
  • In JOSHI ASTRO GYAN GANGA GROUP, ज्योतिष अर्क, स्व:राशि-चार्ट
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ग्रह            उच्च            नीच            स्व:राशि सूर्य            १,मेष          ७,तुला        ५,सिंह चंद्र       
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01 Jan

ग्रहों का एक राशि में समय

  • By Ashwani Jain
  • In ग्रहों का एक राशि में समय
ग्रहों का एक राशि में समय ग्रह ———————समय सूर्य ——————–एक महीना चंद्र ——————– सवा दो दिन,५६ घंटे मंगल ——————–४० से ४५ दिन बुध ——————–२८ से ३० दिन गुरु ———————१३ महीने शुक्र ———————५० दिन शनि ——————— ढाई साल,तीस महीने राहु
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01 Jan

Elements of planets,planets gender of determination-ग्रहों के तत्व, ग्रहों के लिंग निर्धारण

  • By Ashwani Jain
  • In JOSHI ASTRO GYAN GANGA GROUP, ज्योतिष अर्क
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ग्रहों के तत्व -: ग्रह                      तत्व सूर्य,मंगल            अग्नि शुक्र,चंद्र              जल बुध                 
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01 Jan

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१६

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१६, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
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अगर पांचवें भाव के स्वामी का सम्बन्ध बाहरवें भाव से हो तो विदेश में पढ़ाई करने का या फिर पढ़ाई की मदद से विदेश यात्रा होती है ।और जातक वहां हमेशा के लिए नागरिकता प्राप्त कर लेता है।
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01 Jan

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१२

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१२, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
अगर चौथे भाव का मालिक बाहरवें भाव में बैठा हो और बाहरवें भाव का मालिक दसवें भाव में बैठा हो तो भी विदेश में जाकर काम काज करने का योग बनता है। उदाहरण कुंडली
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