१.चर लग्न वालों का भी विदेश में हमेशा रहने का योग जल्दी बनता है।
चर लग्न – (१,४,७,१०)
२.स्थिर लग्न वालों का और द्विस्वभाव लग्न वालों का भी विदेश योग देरी से बनता है ।
स्थिर लग्न – (२,५,८,११)
द्विस्वभाव
कहाँ-कहाँ अंगारक भंग योग बनता है जानिए ।
राहु मंगल से अंगारक योग होता है तो अंगारक भंग योग भी बनता है बहुत कम जानकारों को इसका ज्ञान होता है!उदाहरण के तौर पर कर्क लग्न वालों