२.अगर लग्न कुंडली में जिस भाव में नीच का ग्रह हो और उसी भाव का मालिक उस पर दृष्टी डाल दें तो भी नीच भंग योग कहा जाता है । लेकिन डिग्री और ग्रह का बलाबल अवश्य देख लें ।
३.जिस भाव (घर) में ग्रह नीच का पड़ा हो और उसी भाव में ग्रह उच्च का आ जाये तो भी नीच भंग योग कहा जाता है । लेकिन डिग्री और ग्रह का बलाबल अवश्य देख लें ।
उदाहरण कुंडली
साढ़ेसाती के उपाय ~
१.कर्म और चाल-चलन सही रखें ।
२.पीपल के नीचे दीपक जलाएं ।
३.पीपल को पानी दें रविवार को छोड़ कर हर रोज़ । पीपल को पानी की जरूरत होती है दूध न दें क्यों की
नीच भंग योग
परिभासा-नीच ग्रह बुरे फल देना कम कर देता लेकिन वो अच्छा फल नहीं देगा ।(बुरे फल में कमी और अच्छा फल देना दोनों बातों में बहुत बड़ा अंतर है )
नीच भंग योग तीन प्रकार के
