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  • त्रिशक्ति रत्न कब पहने? कन्या लग्न..

त्रिशक्ति रत्न कब पहने? कन्या लग्न..

10 Aug

मेष लग्न प्रथम भाव में मंगलीक भंग योग -MESH LAGN PRATHAM BHAV MEIN MANGLIK BHANG YOGA

  • By Ashwani Jain
  • In मेष लग्न में मंगलीक भंग योग
मेष लग्न में मंगलीक भंग योग – १.लग्न में बैठा मंगल स्वराशि का हुआ और रुचक नामक पंचमहापुरुष योग भी बना रहा है जिस कारण मंगलीक भंग योग बनता है । स्वराशि-ज्योतिष में स्वराशि का ग्रह योगकारक हो
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09 Aug

मेष लग्न अष्टम भाव में मंगलीक भंग योग-MESH LAGN ASTM BHAV MEIN MANGLIK BHANG YOGA

  • By Ashwani Jain
  • In मेष लग्न में मंगलीक भंग योग
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मेष लग्न में मंगलीक भंग योग  मेष लग्न की कुंडली में आठवें भाव में बैठा मंगल स्वराशि का होने के कारण मंगलीक भंग योग बनेगा क्यों की स्वराशि का मंगल बुरा प्रभाव को कम करके समान्य कर देता है ।
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08 Aug

वृष लग्न प्रथम भाव में मंगलीक भंग योग-VRISH LAGN PRATHM BHAV MEIN MANGLIK BHANG YOGA

  • By Ashwani Jain
  • In वृष लग्न में मंगलीक भंग योग
वृष लग्न में मंगलीक भंग योग – वृष लग्न में पहले भाव में मंगल देव हो तो मंगलीक भंग योग बनता है क्यों की पहले भाव में बैठा मंगल देवता की सातवीं दृष्टि अपने ही भाव पर पड़ती है जिस
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06 Aug

मांगलिक भंग योग-MANGLIK BHANG YOGA

  • By Ashwani Jain
  • In मांगलिक भंग योग-MANGLIK BHANG YOGA
manglik bhang yog
मांगलिक भंग योग अभी तक अपने सीखा की मांगलिक योग कैसे होता है लेकिन यह बात ध्यान देने योग्य है की कुछ कारणवश मांगलिक योग भंग भी हो जाता है । परन्तु अल्प-ज्ञानी ज्योतिष एवं पंडित मांगलिक योग का परिहार कैसे
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06 Aug

वृष लग्न द्वादश भाव में मंगलीक भंग योग-VRISH LAGN BAHRVEIN BHAV MEIN MANGLIK BHANG YOGA

  • By Ashwani Jain
  • In वृष लग्न में मंगलीक भंग योग
  • 0 comment
वृष लग्न द्वादश भाव में मंगलीक भंग योग – वृष लग्न में अगर मंगल देवता द्वादश भाव में हो तो जातक/जातिका को मंगलीक नहीं माना जाता क्यों की मंगल देवता द्वादश में अपने ही घर पर बैठे है( स्वराशि
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01 Aug

शनि देव जी का ढैया कैसे देखें

  • By Ashwani Jain
  • In शनि देव जी का ढैया कैसे देखें
शनि देव जी का ढैया – जब गोचर का शनि जन्म कुंडली के चन्द्रमा से चौथे भाव या चौथी राशि में भ्रमण शुरू कर दे और आठवीं राशि में भ्रमण शुरू कर दे तो उस समय को शनि देव का
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31 Jul

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१८

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
  • 0 comment
अगर बाहरवें भाव का स्वामी चौथे भाव में हो तो विदेश में काम काज करने का योग बनता है। उदारहण कुंडली
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30 Jul

ग्रह की महादशा और अंतर्दशा का समय-Planetary mood and interval time

  • By Ashwani Jain
  • In ज्योतिष अर्क
ग्रह की महादशा और अंतर्दशा दशा का समय -: ग्रह -महादशा का समय केतु -७ साल शुक्र -२० साल सूर्य -६ साल मंगल -७ साल राहु -१८ साल गुरु – १६ साल शनि -१९ साल बुध -१७ साल हरेक के
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29 Jul

सौम्य और क्रूर ग्रह- Benign and cruel planet

  • By Ashwani Jain
  • In ज्योतिष अर्क
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सौम्य और क्रूर ग्रह -: सौम्य ग्रह – क्रूर ग्रह चंद्र             सूर्य बुध             मंगल गुरु             शनि शुक्र            राहु केतु अपने-अपने
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28 Jul

ग्रहों का षड़बल-:

  • By Ashwani Jain
  • In ग्रहों का षड़बल, ज्योतिष अर्क
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ग्रहों का षड़बल-: १.स्थान बल २.काल बल ३.चेष्ट बल ४.दिग बल ५.दृग बल ६.आयान बल जैसे इंसान दो पावों पर चलता है वैसे ही षड़बल और अंशमात्र (डिग्री) बलाबल के अनुसार ही ग्रह अपना फल देता है। दोनों में से
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27 Jul

ग्रहों के रंग-Colour of Planet

  • By Ashwani Jain
  • In ज्योतिष अर्क
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ग्रहों के रंग-: ग्रह -रंग सूर्या-संतरी चंद्र -सफ़ेद मंगल -लाल बुध -हरा गुरु -पीला शुक्र -चमकीला सफ़ेद शनि -काला राहु -नीला केतु -भूरा नोट -आपकी लग्न कुंडली में जो भी ग्रह योगकारक हो उनका रंग पहनने से उनका बल और
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26 Jul

ग्रहों की दृष्टियां –

  • By Ashwani Jain
  • In ज्योतिष अर्क
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ग्रहों की दृष्टियां – ग्रहो की दृष्टियों को जानने से पहले यह जानना होगा की इन दृष्टियों को इस विद्या में क्या अर्थ है? असल में दृष्टियों का अर्थ यही समझा जाता है की किसी भी चीज़ को नेत्रों से
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25 Jul

वक्रीय ग्रह-अस्त ग्रह

  • By Ashwani Jain
  • In ज्योतिष अर्क
  • 0 comment
वक्रीय ग्रह-: परिभाषा-सभी ग्रह अपनी चल चलते-चलते वक्रीय होते है। सूर्य और चंद्र कभी भी वक्रीय नहीं होते और राहु केतु सदैव वक्रीय रहते है।जब कोई लग्न कुंडली में ग्रह वक्रीय होता है तो उसके परिणाम तीन गुना बढ़ जाता
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23 Jul

गंडमूल नक्षत्र-Gandmul nakshatra

  • By Ashwani Jain
  • In ज्योतिष अर्क
  • 0 comment
गंडमूल नक्षत्र -: अश्विनी अश्लेषा मघा मुला ज्येष्ठा रेवती अगर दशा का प्रारम्भ केतु की दशा या बुध की दशा से होता है तो बच्चा गंडमूल में पैदा होता है ।
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21 Jul

जन्म कुंडली में इस्टदेव

  • By Ashwani Jain
  • In जन्म कुंडली में इस्टदेव
जन्म कुंडली में इस्टदेव लग्न -भाव -देवता मेष -पंचम -सूर्य वृष-पंचम -बुध मिथुन -पंचम -शुक्र कर्क -पंचम -मंगल सिंह -पंचम -गुरु कन्या -पंचम -शनि तुला -पंचम -शनि वृश्चिक -पंचम -गुरु धनु -पंचम -मंगल मकर -पंचम -शुक्र कुम्भ -पंचम -बुध मीन
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20 Jul

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-७

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-७, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
चौथे भाव मालिक जितना कमज़ोर होगा उतनी ही जल्दी विदेश में हमेशा रहने का योग बनता जायेगा। लग्न कुंडली
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18 Jul

मिथुन लग्न मे आठवें भाव मे मंगलीक भंग योग-

  • By Ashwani Jain
  • In मिथुन लग्न मे मंगलीक भंग योग
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मिथुन लग्न मे आठवें भाव मे मंगलीक भंग योग – मिथुन लग्न मे आठवें भाव मे बैठा मंगल मंगलीक नही माना जायेगा क्यों की आठवें भाव मे मंगल उच्च के हो जाते है जो की अच्छा फल देने बाध्य हो
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18 Jul

कर्क लग्न में चौथे भाव में मंगलीक भंग योग –

  • By Ashwani Jain
  • In कर्क लग्न में मंगलीक भंग योग
कर्क लग्न में चौथे भाव में मंगलीक भंग योग – कर्क लग्न की कुंडली में अगर मंगल देवता चौथे भाव में हो तो मंगलीक भंग योग बनता है क्यों की क्यों की मंगल ग्रह इस लग्न कुंडली में अति कारक
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14 Jul

मकर लग्न में पहले भाव में मंगलीक भंग योग –

  • By Ashwani Jain
  • In मकर लग्न में पहले भाव में मंगलीक भंग योग, मकर लग्न में मंगलीक भंग योग
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मकर लग्न में पहले भाव में मंगलीक भंग योग – मकर लग्न में मंगल देवता अगर पहले भाव में हो तो जातक मंगलीक नहीं होता क्यों की यहां पर मंगल ग्रह उच्च के हो होते है और रुचक नामक पंच
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10 Jul

ग्रहों की उच्च,नीच,और स्व राशि की परिभाषा-Definition of planetary high, low, and on sign

  • By Ashwani Jain
  • In ज्योतिष अर्क
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                                                         ग्रहों की उच्च,नीच,और स्व राशि :– उच्च ग्रह की परिभाषा –:जब कोई
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