मीन राशि में गोचर का चंद्र (शुभ/अशुभ )कैसे देखें –
चंद्र देवता एक ऐसा ग्रह है जो ज्योतिष में सबसे तेज़ चाल से चलता है जिसका असर हमारे मन,मानसिक और स्वभाव में भी फर्क पड़ता है वो भी बहुत तेज़ी
कुम्भ राशि में गोचर का चंद्र (शुभ/अशुभ )कैसे देखें –
चंद्र देवता एक ऐसा ग्रह है जो ज्योतिष में सबसे तेज़ चाल से चलता है जिसका असर हमारे मन,मानसिक और स्वभाव में भी फर्क पड़ता है वो भी बहुत तेज़ी
कर्क लग्न में सातवें भाव मंगलीक भंग योग –
कर्क लग्न की कुंडली में अगर मंगल देवता सातवें भाव में हो तो मंगलीक भंग योग बनता है क्यों की मंगल ग्रह इस लग्न कुंडली में अति योगकारक और उच्च के
सिंह लग्न में पहले में भाव मंगलीक भंग योग-
सिंह लग्न की कुंडली में अगर मंगल देवता पहले भाव में हो तो मंगलीक भंग योग बनता है क्यों की मंगल ग्रह इस लग्न कुंडली में अति योगकारक है । लग्नेश
सिंह लग्न में चौथे में भाव मंगलीक भंग योग-
सिंह लग्न की कुंडली में अगर मंगल देवता चौथे भाव में हो तो मंगलीक भंग योग बनता है क्यों की मंगल ग्रह इस लग्न कुंडली में अति योगकारक है और स्वराशि
धनु लग्न में बाहरवें भाव में मंगलीक भंग योग –
धनु लग्न में मंगल देवता अगर बाहरवें भाव में हो तो जातक मंगलीक नहीं होता क्यों की यहां पर मंगल ग्रह स्वराशि के हो जाने से मंगलीक योग का परिहार
मकर लग्न में चौथे भाव में मंगलीक भंग योग –
मकर लग्न में मंगल देवता अगर चौथे भाव में हो तो जातक मंगलीक नहीं होता क्यों की यहां पर मंगल ग्रह स्वराशि के होते है और रुचक नामक पंच महापुरुष
मकर लग्न में बाहरवें भाव में मंगलीक भंग योग –
मकर लग्न में मंगल देवता अगर बाहरवें भाव में हो तो जातक मंगलीक नहीं होता क्यों की यहां पर मंगल ग्रह गुरु देवता की मूल त्रिकोण राशि धनु में है
कुम्भ लग्न में बाहरवें भाव में मंगलीक भंग योग –
कुम्भ लग्न में मंगल देवता अगर बाहरवें भाव में हो तो जातक मंगलीक नहीं होता क्यों की यहां पर मंगल ग्रह उच्च के हो गए है। इसलिए मंगल के दोष
चंद्र देवता एक ऐसा ग्रह है जो ज्योतिष में सबसे तेज़ चाल से चलता है जिसका असर हमारे मन,मूड,मानसिक में भी फर्क पड़ता है वो भी बहुत तेज़ी से।चंद्र एक राशि में सवा २ दिन ही रहता है बल्कि बाकी
चंद्र देवता एक ऐसा ग्रह है जो ज्योतिष में सबसे तेज़ चाल से चलता है जिसका असर हमारे मन,मानसिक और स्वभाव में भी फर्क पड़ता है वो भी बहुत तेज़ी से।चंद्र एक राशि में सवा दो दिन ही रहता है
कन्या राशि में गोचर का चंद्र (शुभ/अशुभ )कैसे देखें
चंद्र देवता एक ऐसा ग्रह है जो ज्योतिष में सबसे तेज़ चाल से चलता है जिसका असर हमारे मन,मानसिक और स्वभाव में भी फर्क पड़ता है वो भी बहुत तेज़ी से।चंद्र
वृश्चिक राशि में गोचर का चंद्र (शुभ/अशुभ )कैसे देखें –
चंद्र देवता एक ऐसा ग्रह है जो ज्योतिष में सबसे तेज़ चाल से चलता है जिसका असर हमारे मन,मानसिक और स्वभाव में भी फर्क पड़ता है वो भी बहुत तेज़ी
मकर राशि में गोचर का चंद्र (शुभ/अशुभ )कैसे देखें –चंद्र देवता एक ऐसा ग्रह है जो ज्योतिष में सबसे तेज़ चाल से चलता है जिसका असर हमारे मन,मानसिक और स्वभाव में भी फर्क पड़ता है वो भी बहुत तेज़ी से।चंद्र
वृष लग्न में मंगलीक भंग योग –
वृष लग्न अगर मंगल देवता सातवें भाव में हो तो जातक/जातिका को मंगलीक नहीं माना जाता क्यों की
मंगल देवता सातवें भाव में अपने ही घर पर बैठे है( स्वराशि होकर )
मेष लग्न में मंगलीक भंग योग –
१.लग्न में बैठा मंगल स्वराशि का हुआ और रुचक नामक पंचमहापुरुष योग भी बना रहा है जिस कारण मंगलीक
भंग योग बनता है ।
स्वराशि-ज्योतिष में स्वराशि का ग्रह योगकारक हो
मेष लग्न में मंगलीक भंग योग
मेष लग्न की कुंडली में आठवें भाव में बैठा मंगल स्वराशि का होने के कारण मंगलीक भंग योग बनेगा क्यों की स्वराशि का मंगल बुरा प्रभाव को कम करके समान्य कर देता है ।
वृष लग्न में मंगलीक भंग योग –
वृष लग्न में पहले भाव में मंगल देव हो तो मंगलीक भंग योग बनता है क्यों की पहले भाव में बैठा मंगल देवता की सातवीं दृष्टि अपने ही भाव पर पड़ती है जिस
मांगलिक भंग योग
अभी तक अपने सीखा की मांगलिक योग कैसे होता है लेकिन यह बात ध्यान देने योग्य है की कुछ
कारणवश मांगलिक योग भंग भी हो जाता है । परन्तु अल्प-ज्ञानी ज्योतिष एवं पंडित मांगलिक योग का
परिहार कैसे
वृष लग्न द्वादश भाव में मंगलीक भंग योग –
वृष लग्न में अगर मंगल देवता द्वादश भाव में हो तो जातक/जातिका को मंगलीक नहीं माना जाता क्यों की
मंगल देवता द्वादश में अपने ही घर पर बैठे है( स्वराशि