मिथुन लग्न की कुंडली मे लग्न मे बुध स्वराशि के, तीसरे भाव मे स्वराशि के सूर्य और छठे भाव मे मंगल स्वराशि के, अस्टम भाव मे शनि देव स्वराशि के हो तो राजयोग बनता है, जातक राजा के सम्मान
वृष लग्न की कुंडली मे लग्न मे शुक्र स्वराशि के, पंचम भाव मे उच्च के बुध और दशम भाव मे शनि स्वराशि के हो तो राजयोग बनता है, केंद्र और त्रिकोण बलि होने के कारण जातक राजा के सम्मान
राजयोग और योग की परिभाषा योग (युति योग)-
दो ग्रहों का एक साथ बैठना ही योग कहलाता है। एक साथ बैठे ग्रहों को युति भी कहते है।योग जन्म लग्न कुंडली के मुताबिक अच्छा या बुरा फल