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Foreign Settlement

14 Aug

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१०

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१०, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
सातवें भाव में शनि,राहु,केतु या पाप प्रभाव हो तो,तो भी विदेश में शादी का योग बनता है। उदाहरण कुंडली  
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13 Aug

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-११

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-११, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
बाहरवें भाव का मालिक का कोई कनेक्शन सातवें भाव से हो तो भी विदेश में शादी का योग बनता है। उदाहरण कुंडली
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12 Aug

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१५

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१५, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
दूसरे भाव का स्वामी अगर बाहरवें भाव में बैठा हो या फिर बाहरवें भाव से कोई भी सम्बन्ध हो,तो भी परिवार सहित विदेश में हमेशा रहने का योग बनता है। उदारहण कुंडली
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11 Aug

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१७

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१७, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
अगर बाहरवें भाव के स्वामी का सम्बन्ध पांचवें भाव में हो तो विदेश में पढ़ाई करने का या फिर पढ़ाई की मदद से विदेश यात्रा होती है।और जातक वहां हमेशा के लिए नागरिकता प्राप्त कर लेता है। उदारहण कुंडली
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10 Aug

मेष लग्न प्रथम भाव में मंगलीक भंग योग -MESH LAGN PRATHAM BHAV MEIN MANGLIK BHANG YOGA

  • By Ashwani Jain
  • In मेष लग्न में मंगलीक भंग योग
मेष लग्न में मंगलीक भंग योग – १.लग्न में बैठा मंगल स्वराशि का हुआ और रुचक नामक पंचमहापुरुष योग भी बना रहा है जिस कारण मंगलीक भंग योग बनता है । स्वराशि-ज्योतिष में स्वराशि का ग्रह योगकारक हो
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09 Aug

मेष लग्न अष्टम भाव में मंगलीक भंग योग-MESH LAGN ASTM BHAV MEIN MANGLIK BHANG YOGA

  • By Ashwani Jain
  • In मेष लग्न में मंगलीक भंग योग
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मेष लग्न में मंगलीक भंग योग  मेष लग्न की कुंडली में आठवें भाव में बैठा मंगल स्वराशि का होने के कारण मंगलीक भंग योग बनेगा क्यों की स्वराशि का मंगल बुरा प्रभाव को कम करके समान्य कर देता है ।
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08 Aug

वृष लग्न प्रथम भाव में मंगलीक भंग योग-VRISH LAGN PRATHM BHAV MEIN MANGLIK BHANG YOGA

  • By Ashwani Jain
  • In वृष लग्न में मंगलीक भंग योग
वृष लग्न में मंगलीक भंग योग – वृष लग्न में पहले भाव में मंगल देव हो तो मंगलीक भंग योग बनता है क्यों की पहले भाव में बैठा मंगल देवता की सातवीं दृष्टि अपने ही भाव पर पड़ती है जिस
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07 Aug

वृष लग्न चतुर्थ भाव में मंगलीक भंग योग-VRISH LAGN CHATURT HBHAV MEIN MANGLIK BHANG YOGA

  • By Ashwani Jain
  • In मांगलिक भंग योग-MANGLIK BHANG YOGA
वृष लग्न में मंगलीक भंग योग – वृष लग्न अगर मंगल देवता चौथे भाव में हो तो जातक/जातिका को मंगलीक नहीं माना जाता क्यों की मंगल देवता चौथे भाव में चौथी दृष्टि अपने ही घर सातवें भाव पर पड़ती
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06 Aug

मांगलिक भंग योग-MANGLIK BHANG YOGA

  • By Ashwani Jain
  • In मांगलिक भंग योग-MANGLIK BHANG YOGA
manglik bhang yog
मांगलिक भंग योग अभी तक अपने सीखा की मांगलिक योग कैसे होता है लेकिन यह बात ध्यान देने योग्य है की कुछ कारणवश मांगलिक योग भंग भी हो जाता है । परन्तु अल्प-ज्ञानी ज्योतिष एवं पंडित मांगलिक योग का परिहार कैसे
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06 Aug

वृष लग्न द्वादश भाव में मंगलीक भंग योग-VRISH LAGN BAHRVEIN BHAV MEIN MANGLIK BHANG YOGA

  • By Ashwani Jain
  • In वृष लग्न में मंगलीक भंग योग
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वृष लग्न द्वादश भाव में मंगलीक भंग योग – वृष लग्न में अगर मंगल देवता द्वादश भाव में हो तो जातक/जातिका को मंगलीक नहीं माना जाता क्यों की मंगल देवता द्वादश में अपने ही घर पर बैठे है( स्वराशि
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01 Aug

शनि देव जी का ढैया कैसे देखें

  • By Ashwani Jain
  • In शनि देव जी का ढैया कैसे देखें
शनि देव जी का ढैया – जब गोचर का शनि जन्म कुंडली के चन्द्रमा से चौथे भाव या चौथी राशि में भ्रमण शुरू कर दे और आठवीं राशि में भ्रमण शुरू कर दे तो उस समय को शनि देव का
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31 Jul

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१८

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
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अगर बाहरवें भाव का स्वामी चौथे भाव में हो तो विदेश में काम काज करने का योग बनता है। उदारहण कुंडली
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20 Jul

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-७

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-७, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
चौथे भाव मालिक जितना कमज़ोर होगा उतनी ही जल्दी विदेश में हमेशा रहने का योग बनता जायेगा। लग्न कुंडली
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18 Jul

मिथुन लग्न मे आठवें भाव मे मंगलीक भंग योग-

  • By Ashwani Jain
  • In मिथुन लग्न मे मंगलीक भंग योग
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मिथुन लग्न मे आठवें भाव मे मंगलीक भंग योग – मिथुन लग्न मे आठवें भाव मे बैठा मंगल मंगलीक नही माना जायेगा क्यों की आठवें भाव मे मंगल उच्च के हो जाते है जो की अच्छा फल देने बाध्य हो
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18 Jul

कर्क लग्न में चौथे भाव में मंगलीक भंग योग –

  • By Ashwani Jain
  • In कर्क लग्न में मंगलीक भंग योग
कर्क लग्न में चौथे भाव में मंगलीक भंग योग – कर्क लग्न की कुंडली में अगर मंगल देवता चौथे भाव में हो तो मंगलीक भंग योग बनता है क्यों की क्यों की मंगल ग्रह इस लग्न कुंडली में अति कारक
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14 Jul

मकर लग्न में पहले भाव में मंगलीक भंग योग –

  • By Ashwani Jain
  • In मकर लग्न में पहले भाव में मंगलीक भंग योग, मकर लग्न में मंगलीक भंग योग
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मकर लग्न में पहले भाव में मंगलीक भंग योग – मकर लग्न में मंगल देवता अगर पहले भाव में हो तो जातक मंगलीक नहीं होता क्यों की यहां पर मंगल ग्रह उच्च के हो होते है और रुचक नामक पंच
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29 Feb

केतुदेव फलादेश 1 से 6 भाव कन्या लग्न

  • By Ashwani Jain
  • In केतुदेव फलादेश 1 से 6 भाव कन्या लग्न
केतुदेव फलादेश 1 से 6 भाव कन्या लग्न लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई भी स्वराशि नहीं होती,राहु और केतु देवता मित्र राशि या उच्च हों और अच्छे भाव मे बैठे हो तो अच्छा फल
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28 Feb

केतुदेव फलादेश 7 से 12 भाव कन्या लग्न

  • By Ashwani Jain
  • In केतुदेव फलादेश 7 से 12 भाव कन्या लग्न
केतुदेव फलादेश 7 से 12 भाव कन्या लग्न… लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई भी स्वराशि नहीं होती,राहु और केतु देवता मित्र राशि या उच्च हों और अच्छे भाव मे बैठे हो तो अच्छा फल
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27 Feb

राहुदेव फलादेश 1 से 6 भाव तुला लग्न

  • By Ashwani Jain
  • In राहुदेव फलादेश 1 से 6 भाव तुला लग्न
राहुदेव फलादेश 1 से 6 भाव तुला लग्न लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई भी स्वराशि नहीं होती,राहु और केतु देवता मित्र राशि या उच्च हों और अच्छे भाव मे बैठे हो तो अच्छा फल
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26 Feb

राहुदेव फलादेश 7 से 12 भाव तुला लग्न

  • By Ashwani Jain
  • In राहुदेव फलादेश 7 से 12 भाव तुला लग्न...
राहुदेव फलादेश 7 से 12 भाव तुला लग्न 7.सातवां भावफल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव -अच्छा 8.आठवां भाव फल-बुरा,राशि-उच्च,भाव-बुरा 9.नवम भाव फल-अच्छा,राशि-उच्च,भाव-अच्छा 10.दशम भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा 11.ग्यारहवां भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा 12.बारहवां भाव फल-बुरा,राशि-मित्र,भाव-बुरा लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई भी स्वराशि नहीं
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