बिसनेस करने वालों को ज्यादातर बिसनेस-दुकान ना चलने की यह समस्या आती रहती है उनका एक ही टारगेट होता है के
उनका बिसनेस चलता रहें लेकिन फिर भी इतने पूजा-पाठ,उपाय और टोटके करने के बावजूद
व्यपार करने वालों को अक़्सर व्यपार ना चलने की यह समस्या आखिर आती रहती है उनका एक लक्ष्य होता है के उनका
व्यापार चलता रहें इतना उपाय टोटके करने के बावजूद भी आखिर उनका
इस महीने कई ग्रह राशि बदल चुके है जबकि अब शनि देव भी अपनी राशि बदल रहें है ढाई साल बाद 29 अप्रैल को आ रहें है कुम्भ राशि मे जो की 5 जून 2022 को वक्री होकर पुन:12 जुलाई
नवमांश कुंडली द्वारा फल विचारते समय जातक को जन्मकुंडली के ग्रहों को भी अवश्य ध्यान रखना चाहिए |अगर किसी जातक की लग्न कुंडली मे कोई ग्रह अच्छा हो और वही ग्रह नवमांश मे नीच का हो जाये तो या बुरे
वृष लग्न की कुंडली मे सातवें भाव मे बैठे चंद्र और शनि देव विष योग बनाएंगे लेकिन ध्यान देने योग्य बात यही है की यहाँ चंद्र देवता नीच के हो गए है और शनि देव योगकारक हुए तो विष
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For ages, humans have looked to the heavens for guidance. Astrology is a system that
जैन धर्म- आज के दिन महावीर स्वामी जी ने निर्वाण प्राप्त किया था, उतर पुराण के अनुसार 72वें वर्ष मे कुछ महीने तक ही जीवित रहे |जय महावीराय नमः
शिक्षा-महावीर स्वामी जी हम सबको अहिंसा का पालन करने का संदेश
दीपावली पूजन और समय
दीपावली पूजन कब और कैसे करें ?कार्तिक कृष्ण अमावस्या को दीपावली का महापर्व मनाया जाता है। इस वर्ष वृषपतिवार 4 नवंबर 2021 दीपावली पर्व मनाया जायेग। हिन्दुओं पर्व यह महत्वपूर्ण पर्वों में
राहु चंद्र ग्रहण भंग योग सभी लग्न
राहु चंद्र से ग्रहण योग होता है तो ग्रहण भंग योग भी बनता है बहुत कम जानकारों को इसका ज्ञान होता है। उदाहरण के तौर पर मैंने सभी लग्न वालों के लिए कहां-कहां
उदाहरण के तौर पर यहां पर मेष से कन्या लग्न वालों के लिए कहां-कहां राहु +गुरु की युति स्तिथ हो तो गुरु चंडाल भंग योग माना जाता है, बताया गया है।
हम अक्सर लोगों को यह कहते हुए सुनते हैं, कि मैंने कभी कोई बुरा काम नहीं किया, फिर भी मैं बीमारियों से परेशान हूँ।ऐसा मेरे साथ क्यों हो रहा हैं ?
क्या भगवान बहुत कठोर और निर्दयी
राहु और मंगल की युति से अगर अंगारक योग होता है तो अंगारक भंग योग भी बनता है बहुत कम जानकारों को इसका ज्ञान होता है।उदाहरण के तौर पर यहां पर मीन लग्न वालों के लिए कहां-कहां राहु +मंगल की
क्या आप जानते है धनु लग्न में भी अंगारक भंग योग होता है ।
राहु और मंगल की युति से अगर अंगारक योग होता है तो अंगारक भंग योग भी बनता है बहुत कम जानकारों को इसका
जानिए वृश्चिक लग्न में अंगारक भंग योग ।
राहु मंगल की युति से अंगारक योग होता है तो अंगारक भंग योग भी बनता है बहुत कम जानकारों को इसका ज्ञान होता है!उदाहरण के तौर पर वृश्चिक लग्न
सिंह लग्न में कहाँ-कहाँ अंगारक भंग योग बनता है जानिए ।
राहु मंगल से अंगारक योग होता है तो अंगारक भंग योग भी बनता है बहुत कम जानकारों को इसका ज्ञान होता है!उदाहरण के तौर पर यहां
कहाँ-कहाँ अंगारक भंग योग बनता है जानिए ।
राहु मंगल से अंगारक योग होता है तो अंगारक भंग योग भी बनता है बहुत कम जानकारों को इसका ज्ञान होता है!उदाहरण के तौर पर कर्क लग्न वालों
मेष लग्न में कौन-कौन से भाव में राहु मंगल स्तिथ हो तो अंगारक भंग योग बनता है ।
राहु मंगल से अंगारक योग होता है तो अंगारक भंग योग भी बनता है बहुत कम जानकारों को इसका
दशम भाव का मालिक शनि सप्तम भाव में उच्च के हो और चंद्र ग्रह साथ हो तो जातक प्रॉपर्टी सम्बन्ध कार्य या पार्टर्नशिप करके सफलता प्राप्त कर सकता है।
अगर दशम भाव का स्वामी शनि छठे भाव में हो और
राहुदेव फलादेश वृश्चिक लग्न 7 से 12 भाव
लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई भी स्वराशि नहीं होती,राहु और केतु देवता मित्र राशि या उच्च हों और अच्छे भाव मे बैठे हो तो अच्छा फल