धनु लग्न की कुंडली मे 1,4,5,7,9,10,11 भावों अगर गुरु ग्रह बैठे हो तो पुखराज रत्न धारण किया जा सकता है !
धारण करने की विधि-
धातु-सोना,पीतल, पक्ष-शुक्ल
ऊँगली-तर्जनी,दिन-गुरुवार
समय-सूर्य उदय के एक घंटे के अंदर!
ध्यान दें-धनु लग्न वाले मोती,नीलम
वृश्चिक लग्न की कुंडली मे 1,2,4,5,7,9,10,11 भावों अगर गुरु ग्रह बैठे हो तो पुखराज रत्न धारण किया जा सकता है !
धारण करने की विधि-
धातु-सोना,पीतल, पक्ष-शुक्ल
ऊँगली-तर्जनी,दिन-गुरुवार
समय-सूर्य उदय के एक घंटे के अंदर!
ध्यान दें-वृश्चिक लग्न वाले पन्ना,ओपल
1.PEHLA BHAV -SELF RESULT-BETTER DRISHTIYAN-4-7-8 (SHUB) YOG -RUCHAK NAMAK PANCH MAHA PURUSH MANGLIK-NO YOGKARK-YES BHAV SWAMI-MANGAL,ON SIGN 2.DUSRA BHAV -VANI
गुरु 29-3-2020 को मकर राशि पर बुरा फल नही देंगे क्यों की –
नमस्कार दोस्तों मैं एस्ट्रोलॉजर अश्वनी जैन वैदिक ज्योतिष मे आपका स्वागत करता हुँ तो प्रिय दर्शकों मेरी कोशिश है आपको गोचर को सही तरीके से कैसे
दशम भाव मे बैठे शनि चंद्र विष योग बनाएंगे लेकिन यहां शनि नीच के होकर अति मारक हुए जो की बुरा फल देंगे और चंद्र देव की अच्छाई को भी कम करेंगे ! ध्यान दें अगर शनि नीच भंग
विष योग कर्क लग्न पार्ट-1
कर्क लग्न की कुंडली मे लग्न भाव मे बैठे शनि चंद्र विष योग बनाएंगे लेकिन यहाँ चंद्र देवता बुरा प्रभाव नहीं देंगे क्यूंकि लग्नेश अपनी ही राशि मे बैठे है इसलिए !शनि देवता चंद्र
बारहवें भाव मे बैठे शनि चंद्र दोनों ही विष योग बनाएंगे लेकिन एक बात ध्यान देने योग्य यही है की कहीं शनि देव विपरीत राजयोग मे ना हो अगर शनि देव विपरीत राजयोग मे होंगे तो विष योग बनने
ग्यारहवें भाव मे बैठे शनि चंद्र दोनों ही विष योग बनाएंगे यहाँ दोनों ग्रह मारक है शनि देव नीच के होने की वजह से मारक हुए तो यहां दोनों ग्रह बुरा प्रभाव देंगे !
नीच के शनि देव शरीरिक
दशम भाव मे बैठे शनि और चंद्र विष योग बनाएंगे लेकिन ध्यान दें यहां बैठे शनि देव बुरा फल नहीं देंगे चंद्र देव देंगे जिनकी वजह से विष योग बनेगा !चंद्र देव शनि देव के अच्छे फल मे कमी
नवम भाव मे बैठे शनि चंद्र विष योग बनाएंगे !लेकिन ध्यान दे के शनि देव अति योगकारक और स्वराशि ग्रह होने के कारण बुरा फल नही देंगे !यहाँ सिर्फ चंद्र देव ही बुरा फल देंगे !
फल -चंद्र देव
विष योग मिथुन लग्न पार्ट-8
आठवें भाव मे बैठे शनि विपरीत राजयोग मे आएंगे लेकिन एक बात ध्यान देने योग्य है वो यही की कहीं शनि देव विपरीत राजयोग मे ना हो अगर शनि देव विपरीत राजयोग मे हो
विष योग मिथुन लग्न-6
लग्न मे बैठे शनि चंद्र छठे भाव मे विष योग बनाएंगे अवश्य लेकिन ध्यान दें की लग्नेश अगर बली हुआ तो शनि देव विपरीत राजयोग मे आएंगे तो बुरा फल नही देंगे अन्यथा विष योग
पंचम भाव मे बैठे शनि चंद्र दोनों ग्रह मिथुन लग्न मे विष बनाएंगे लेकिन चंद्र देवता इस लग्न कुंडली मे लग्नेश के अति शत्रु होने की वजह से विष योग का कारण बनेगें और शनि से अच्छे प्रभाव
चौथे भाव मे बैठे शनि चंद्र दोनों ग्रह मिथुन लग्न मे विष योग बनाएंगे लेकिन चंद्र देवता की वजह से यह योग बनेगा क्यों की चंद्र देवता लग्नेश के अति शत्रु होकर अति मारक ग्रह बने जिस वजह से विष
•मकर राशि पर शनि देव 24-1-2020•
24-1-2020 समय 9:56 को शनि महाराज मकर राशि मे विराजमान हो रहे है इस राशि मे शनि देव 17-1-2023 समय 17:07 तक रहेंगे !
शनि देव की साढ़ेसाती –
ज़ब गोचर के
तीसरे भाव मे बैठे दोनों ग्रह चंद्र, शनि मिथुन लग्न मे विष योग दोनों ही बनाएंगे क्यों की दोनों ग्रह इस लग्न कुंडली मे मारक है जिस कारण दोनों ग्रह बुरा फल देंगे !दोनों ग्रह अशुभ फल देंगे
मिथुन लग्न की कुंडली मे दूसरे भाव मे बैठे चंद्र और शनि देवता विष योग बनाएंगे लेकिन यहां समझने बात योग्य यही है की यहां विष योग बनने का कारण चंद्र देवता होंगे ना शनि देवता चंद्र देवता शनि
मिथुन लग्न कुंडली में लग्न में बैठे शनि और चंद्र देव विष योग बनाएंगे लेकिन ध्यान देने योग्य बात यही है की यहाँ विष योग बनने का कारण लग्नेश बुध के अति शत्रु चंद्र देव होंगे ना की शनि
विष योग वृष लग्न पार्ट -12
वृष लग्न मे बारहवें भाव मे बैठे शनि और चंद्र देवता विष योग बनाएंगे यहाँ दोनों ग्रह बुरा फल देंगे क्यों की चंद्र देवता बारहवें भाव मे मारक हुए और शनि देव नीच