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01 Jan

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१३

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१३, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
अगर नौवें भाव का मालिक बाहरवें भाव में बैठा हो या कोई भी कनेक्शन हो तो भी उसकी महादशा-अंतरदशा में विदेश में जाने का या हमेशा रहने का योग बनता है और धार्मिक विदेश यात्रा का भी योग बनता है।
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01 Jan

ग्रह-उच्च,नीच,स्व:राशि-चार्ट

  • By Ashwani Jain
  • In JOSHI ASTRO GYAN GANGA GROUP, ज्योतिष अर्क, स्व:राशि-चार्ट
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ग्रह            उच्च            नीच            स्व:राशि सूर्य            १,मेष          ७,तुला        ५,सिंह चंद्र       
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01 Jan

ग्रहों का एक राशि में समय

  • By Ashwani Jain
  • In ग्रहों का एक राशि में समय
ग्रहों का एक राशि में समय ग्रह ———————समय सूर्य ——————–एक महीना चंद्र ——————– सवा दो दिन,५६ घंटे मंगल ——————–४० से ४५ दिन बुध ——————–२८ से ३० दिन गुरु ———————१३ महीने शुक्र ———————५० दिन शनि ——————— ढाई साल,तीस महीने राहु
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01 Jan

Elements of planets,planets gender of determination-ग्रहों के तत्व, ग्रहों के लिंग निर्धारण

  • By Ashwani Jain
  • In JOSHI ASTRO GYAN GANGA GROUP, ज्योतिष अर्क
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ग्रहों के तत्व -: ग्रह                      तत्व सूर्य,मंगल            अग्नि शुक्र,चंद्र              जल बुध                 
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01 Jan

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१६

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१६, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
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अगर पांचवें भाव के स्वामी का सम्बन्ध बाहरवें भाव से हो तो विदेश में पढ़ाई करने का या फिर पढ़ाई की मदद से विदेश यात्रा होती है ।और जातक वहां हमेशा के लिए नागरिकता प्राप्त कर लेता है।
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01 Jan

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१२

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१२, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
अगर चौथे भाव का मालिक बाहरवें भाव में बैठा हो और बाहरवें भाव का मालिक दसवें भाव में बैठा हो तो भी विदेश में जाकर काम काज करने का योग बनता है। उदाहरण कुंडली
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01 Jan

मीन लग्न में पहले भाव में मंगलीक भंग योग-

  • By Ashwani Jain
  • In मीन लग्न में पहले भाव में मंगलीक भंग योग, मीन लग्न में मंगलीक भंग योग
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मीन लग्न में मंगल देवता अगर पहले भाव में हो तो जातक मंगलीक नहीं होता क्यों की यहां पर मंगल ग्रह योगकारक है और त्रिकोण (भाग्य ) के स्वामी भी है। इसलिए मंगल के दोष का परिहार होता है और
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01 Jan

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१४

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१४, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
बाहरवें भाव का स्वामी अगर दूसरे भाव में बैठा हो या फिर दूसरे भाव से कोई भी सम्बन्ध हो तो परिवार सहित विदेश में हमेशा रहने का योग बनता है। उदारहण कुंडली
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01 Jan

साढ़ेसाती कैसे देखें ?तीसरा ढैया

  • By Ashwani Jain
  • In साढ़ेसाती के बारें में जरूरी बातें।, साढ़ेसाती कैसे देखें ?
जब गोचर के शनि देव जन्मकुंडली के चन्द्रमा राशि से एक राशि आगे चले जाये तो वो साढ़ेसाती का आखिरी ढैया होता है उदाहरण-जैसे की जन्मलग्न कुंडली का चन्द्रमा मकर राशि में और गोचर के शनि देव कुम्भ राशि में
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01 Jan

साढ़ेसाती कैसे देखें ?पहला ढैया

  • By Ashwani Jain
  • In साढ़ेसाती कैसे देखें ?
साढ़ेसाती हमेशा जन्म लग्न कुंडली के चन्द्रमा के हिसाब से देखी जाती है,जन्म कुंडली में जहाँ चंद्र देवता बैठें हो या जिस राशि में बैठे हो साढ़ेसाती का हमें वहीं से ही पता चलेगा। उदाहरण-जैसे की जन्मलग्न कुंडली का चन्द्रमा
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01 Jan

मांगलिक योग -MANGLIK YOGA

  • By Ashwani Jain
  • In मांगलिक योग -MANGLIK YOGA
मांगलिक योग सबसे पहले यह जानना आवश्यक है की मंगलीक दोष नहीं एक योग होता है,वास्तव में किसी भी कुंडली में मांगलिक एक दोष नहीं योग माना जाता है परन्तु बहुत से ज्योतिषी मांगलिक दोष कह कर लोगों के मनों
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01 Jan

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-२०

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-२०, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
विदेश में हमेशा रहने-नौकरी-कामकाज-पढ़ाई-यात्रा का योग देखने के कुछ जरूरी बातें ध्यान में रखें । १.ग्रहों का बलाबल और डिग्री । २.ग्रहों की महादशा और अन्तर-दशा । ३.चौथे भाव के स्वामी का बलाबल जितना कम होगा उतना जल्दी ही विदेश
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01 Jan

वास्तु टिप्स – VASTU TIPS

  • By Ashwani Jain
  • In वास्तु-Vastu
  • 0 comment
जन्मकुंडली के उपाय के साथ साथ हमे वास्तु का ध्यान रखें तो और ज्यादा बेहतर रहता है। घडी,दर्पण,वाश बेसिन,भगवान की फोटो,टीवी उतर,पक्षिम और पूर्व की दिशा में ही लगानी चाहिए । उतर,पक्षिम,और पूर्व की दिशा में फीका रंग करवाना चाहिए।
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01 Jan

कुंडली के १२ भावों के नाम :-

  • By Ashwani Jain
  • In ज्योतिष अर्क
  • 0 comment
कुंडली के १२ भावों के नाम इस प्रकार है:- १.तन भाव २.धन भाव ३.भ्राता भाव ४.माता भाव ५.संतान भाव ६.रोग भाव ७.जया भाव ८.आयु भाव ९.भाग्य भाव १०.कर्म भाव ११.लाभ भाव १२.खर्च भाव
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01 Jan

गोचर का विवेचन-Transit In Birth Chart

  • By Ashwani Jain
  • In गोचर का विवेचन-Transit In Birth Chart
  • 0 comment
गोचर का विवेचन-गोचर कैसे देखें जन्म कुंडली में। गोचर जन्म कुंडली का विस्लेषण करते समय बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसलिए लग्न कुंडली की विवेचना (व्याख्या) करते समय इस का खास ध्यान रखना चाहिए। गोचर को सदा लागु करते समय
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14 Jul

सिंह लग्न में सातवें में भाव मंगलीक भंग योग-

  • By Ashwani Jain
  • In मांगलिक भंग योग-MANGLIK BHANG YOGA, सिंह लग्न में मंगलीक भंग योग
सिंह लग्न में सातवें में भाव मंगलीक भंग योग- सिंह लग्न की कुंडली में अगर मंगल देवता सातवें भाव में हो तो मंगलीक भंग योग बनता है क्यों की मंगल ग्रह इस लग्न कुंडली में अति योगकारक है और लग्नेश
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15 Feb

मेष लग्न सप्तम भाव में मंगलीक भंग योग-

  • By Ashwani Jain
  • In मेष लग्न में मंगलीक भंग योग
मेष लग्न मे मंगलीक भंग योग – ज्योतिष के मुताबिक मेष लग्न में सातवें भाव में बैठा मंगल अति योगकारक है और पंचमहापुरुष बना रहा है जिस कारण मंगलीक भंग योग बनता है ! पंचमहापुरुष योग -मंगल अगर केंद्र
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01 Jan

तुला लग्न में प्रथम भाव में मंगलीक भंग योग-

  • By Ashwani Jain
  • In तुला लग्न में मंगलीक भंग योग
तुला लग्न में प्रथम भाव में मंगलीक भंग योग- तुला लग्न की कुंडली में अगर मंगल देवता पहले भाव में हो तो मंगलीक भंग योग बनता है क्यों की यहां बैठा मंगल अपनी सातवीं दृष्टी अपने ही घर पर पड़ती
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31 Jul

कर्ज

  • By Ashwani Jain
  • In LOAN-कर्ज
कर्ज दुःख एवं परेशानियां जीवन का अभिन्न अंग बन गई हैं । इनमें से कुछ दुःख ऐसे हैं जो पूर्व जन्म के लेखे-जोखे से निश्चित होते हैं।
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16 Jul

कन्या लग्न में बारहवें भाव में मंगलीक भंग योग-

  • By Ashwani Jain
  • In कन्या लग्न में मंगलीक भंग योग
कन्या लग्न में बारहवें भाव में मंगलीक भंग योग- कन्या लग्न की कुंडली में अगर मंगल देवता बारहवें भाव में हो तो मंगलीक भंग योग तब बनता है जब लग्नेश बुध बलि हो तो विपरीत राजयोग भी बनाता है जो
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