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विष योग

08 Feb

साढ़ेसाती कैसे देखें ?दूसरा ढैया

  • By Ashwani Jain
  • In JOSHI ASTRO GYAN GANGA GROUP, साढ़ेसाती के बारें में जरूरी बातें।, साढ़ेसाती कैसे देखें ?
जब गोचर के शनि देव जन्मकुंडली के चन्द्रमा की राशि पर ही भृमण करना शुरू कर दें तो वो साढ़ेसाती का बीच वाला ढैया होता है । उदाहरण-जैसे की जन्मलग्न कुंडली का चन्द्रमा मकर राशि में और गोचर के शनि
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08 Feb

साढ़ेसाती के बारें में कुछ जरूरी बातें।

  • By Ashwani Jain
  • In साढ़ेसाती के बारें में जरूरी बातें।
कुछ जरूरी पॉइंट साढ़ेसाती के लिए। १.कभी भी साढ़ेसाती नाम से और जन्म लग्न से कोई लेना देना नहीं । २.साढ़ेसाती सिर्फ जन्म कुंडली के चन्द्रमा से ही देखी जाती है । ३.जन्म कुंडली में शनि देव अगर योगकारक
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07 Feb

साढ़ेसाती के उपाय ~

  • By Ashwani Jain
  • In साढ़ेसाती के उपाय, साढ़ेसाती के बारें में जरूरी बातें।
साढ़ेसाती के उपाय ~ १.कर्म और चाल-चलन सही रखें । २.पीपल के नीचे दीपक जलाएं । ३.पीपल को पानी दें रविवार को छोड़ कर हर रोज़ । पीपल को पानी की जरूरत होती है दूध न दें क्यों की
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06 Feb

नीच भंग योग

  • By Ashwani Jain
  • In नीच भंग योग
नीच भंग योग परिभासा-नीच ग्रह बुरे फल देना कम कर देता लेकिन वो अच्छा फल नहीं देगा ।(बुरे फल में कमी और अच्छा फल देना दोनों बातों में बहुत बड़ा अंतर है ) नीच भंग योग तीन प्रकार के
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01 Feb

पंचमहापुरुष योग रुचक नामक

  • By Ashwani Jain
  • In जन्मकुंडली मे मंगल देव फलादेश, सिंह लग्न दशम भाव मे मंगल
मंगल दशम भाव मे सिंह लग्न दशम भाव-कर्म,व्यवसाय फल-बहुत अच्छा,दृष्टी-4,7,8 योगकारक-हाँ,योग-पंचमहापुरुष (रुचक नामक) राशि-वृष,भाव स्वामी-शुक्र, राशि तत्व-पृथ्वी,ग्रह रंग-लाल कारकेत्व-छोटे भाई,खून, पराक्रम,पुलिस,आर्मी,सरकारी अफसर,सेनापति,क्रोध, दुर्घटना,इंजिनियर,युद्ध मंगलीक-नहीं, मंत्र-ॐ भौमाय नमः
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24 Jan

राशि स्वामी,मूलत्रिकोण राशि,राशि तत्व,राशि की विशेषताएं

  • By Ashwani Jain
  • In ज्योतिष अर्क
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क्या आप जानते है?राशि के स्वामी कौन है?और उनकी मूल त्रिकोण राशि क्या है?राशि के तत्व क्या है?और राशि की क्या विशेषताएं है ?तो यहां मैंने सभी की राशि की विशेषताएं,स्वामी,मूल त्रिकोण,तत्व के बारे में बताया है जबकि यह
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13 Jan

जन्म कुंडली अनुसार उपयुक्त रत्न मोती

  • By Ashwani Jain
  • In जन्म कुंडली अनुसार उपयुक्त रत्न मोती
जन्म कुंडली अनुसार उपयुक्त रत्न मोती जन्म कुंडली अनुसार उपयुक्त रत्न मेष लग्न की कुंडली मे 1,2,5,7,9,10,11 भावों मे चंद्र हो तो मोती रत्न पहना जा सकता है !
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13 Jan

त्रिशक्ति रत्न कब पहने?वृष लग्न…

  • By Ashwani Jain
  • In त्रिशक्ति रत्न कब पहने?वृष लग्न...
त्रिशक्ति रत्न कब पहने?वृष लग्न… वृष लग्न की जन्मकुंडली मे ज़ब त्रिकोण के स्वामी शनि,बुध,शुक्र तीनो ग्रह इकठे या इन तीनो मे से कोई भी ग्रह 1,2,4,7,9,10 भावों मे बैठे हो तो त्रिशक्ति रत्न पहने जा सकते है !
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12 Jan

त्रिशक्ति रत्न कब पहने?मेष लग्न….

  • By Ashwani Jain
  • In त्रिशक्ति रत्न कब पहने?मेष लग्न....
त्रिशक्ति रत्न कब पहने?मेष लग्न…. मेष लग्न की जन्मकुंडली मे ज़ब त्रिकोण के स्वामी सूर्य,मंगल,गुरु 1,2,5,9,11 भावों मे हो तो त्रिशक्ति रत्न पहना जा सकता है ! जिससे पहने से जातक/जातिका को स्वास्थ्य, दिमागी,भाग्य उन्नति,विद्या,पर्सनालिटी,सरकारी नौकरी संबंध मे लाभ
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06 Jan

विष योग वृष लग्न पार्ट -2

  • By Ashwani Jain
  • In विष योग वृष लग्न पार्ट -2
  वृष लग्न की जन्म कुंडली मे दूसरे भाव मे बैठे शनि और चंद्र देवता विष योग बनाएंगे यहां ध्यान देने योग्य बात यही है की शनि देवता नवंम और दशम भाव के स्वामी होने के कारण और लग्नेश
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05 Jan

विष योग वृष लग्न पार्ट -4

  • By Ashwani Jain
  • In विष योग वृष लग्न पार्ट -4
वृष लग्न की कुंडली मे चौथे भाव मे बैठे शनि और चंद्र देवता विष योग बनाएंगे लेकिन ध्यान देने योग्य बात यही है की यहाँ चंद्र देवता की वजह से विष योग बनेगा चंद्र देवता की ही पूजा, उपाय
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31 Jul

कर्ज

  • By Ashwani Jain
  • In LOAN-कर्ज
कर्ज दुःख एवं परेशानियां जीवन का अभिन्न अंग बन गई हैं । इनमें से कुछ दुःख ऐसे हैं जो पूर्व जन्म के लेखे-जोखे से निश्चित होते हैं।
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23 May

चंद्र ग्रहण भंग योग

  • By Ashwani Jain
  • In चंद्र ग्रहण भंग योग
  • 0 comment
चंद्र-ग्रहण-भंग-योग
राहु चंद्र ग्रहण भंग योग सभी लग्न राहु चंद्र से ग्रहण योग होता है तो ग्रहण भंग योग भी बनता है बहुत कम जानकारों को इसका ज्ञान होता है। उदाहरण के तौर पर मैंने सभी लग्न वालों के लिए कहां-कहां
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15 Jan

मांगलिक

  • By Ashwani Jain
  • In मांगलिक
  • 0 comment
मांगलिक योग ना की दोष सबसे पहले यह जानना आवश्यक है की मंगलीक दोष नहीं एक योग होता है,वास्तव में किसी भी कुंडली में मांगलिक एक दोष नहीं योग माना जाता है परन्तु बहुत से ज्योतिषी
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07 Oct

राहुदेव फलादेश

  • By Ashwani Jain
  • In राहुदेव फलादेश वृश्चिक लग्न 7 से 12 भाव
राहुदेव फलादेश वृश्चिक लग्न 7 से 12 भाव लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई भी स्वराशि नहीं होती,राहु और केतु देवता मित्र राशि या उच्च हों और अच्छे भाव मे बैठे हो तो अच्छा फल
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06 Oct

कार्तिक मास

  • By Ashwani Jain
  • In और फलादेश कार्तिक मास 18-10-2020 से 21-11-2020 तक !
कार्तिक मास,उपाय,और फलादेश कार्तिक मास 18-10-2020 से 21-11-2020 तक ! जन्मकुंडली मे ज़ब सूर्य देव तुला राशि या नीच के हो तो उस जातक को कार्तिक की पूजा या सूर्य देव के दान अवश्य करने चाहिए,ज़बकी लग्न कुंडली मे सूर्य
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23 Sep

गोचर कैसे देखें? राहु-केतु 23-9-2020

  • By Ashwani Jain
  • In गोचर कैसे देखें? राहु-केतु 23-9-2020
गोचर कैसे देखें? राहु-केतु 23-9-2020 आज हम बात करते है गोचर के राहु केतु के बारे मे जो की 23 सितम्बर 2020 को वक्री होकर वृष और वृश्चिक राशि उच्च के होकर आ रहें है जो की 12 अप्रैल 2022
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18 Sep

केतुदेव फलादेश 7 से 12 भाव कर्क लग्न

  • By Ashwani Jain
  • In केतुदेव फलादेश 7 से 12 भाव कर्क लग्न
केतुदेव फलादेश 7 से 12 भाव कर्क लग्न… 7.सातवां भाव फल-अच्छा,राशि-मित्र,भाव-अच्छा 8.आठवां भाव फल-बुरा,राशि-मित्र,भाव-बुरा 9.नवम भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा 10.दशम भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा 11.ग्यारहवां भाव फल-बूरा,राशि-नीच,भाव-अच्छा 12.बारहवां भाव फल-बुरा,राशि-नीच,भाव-बुरा अक्सर हमें केतु देवता से डराया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है ! लग्न
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17 Sep

केतुदेव फलादेश 1 से 6 भाव कर्क लग्न

  • By Ashwani Jain
  • In केतुदेव फलादेश 1 से 6 भाव कर्क लग्न
केतुदेव फलादेश 1 से 6 भाव कर्क लग्न अक्सर हमें केतु देवता से डराया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है ! 1.पहला भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव अच्छा 2.दूसरा भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा 3.तीसरा भाव फल-बुरा,राशि-मित्र,भाव-बुरा 4.चौथा भाव फल-अच्छा,राशि-मित्र, भाव-अच्छा 5.पांचवां भाव फल-अच्छा,राशि-उच्च,भाव-अच्छा 6.छठा भाव
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16 Sep

राहुदेव फलादेश 7 से 12 भाव कर्क लग्न…

  • By Ashwani Jain
  • In राहुदेव फलादेश 7 से 12 भाव कर्क लग्न
अक्सर हमें राहु देवता से डराया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है ! राहुदेव फलादेश 7 से 12 भाव कर्क लग्न.. 7.सातवां भाव फल-अच्छा,राशि-मित्र,भाव-अच्छा 8.आठवां भाव फल-बुरा,राशि-मित्र,भाव-बुरा 9.नवम भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा 10.दशम भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा 11.ग्यारहवां भाव फल-अच्छा,राशि-उच्च,भाव-अच्छा 12.बारहवां भाव फल-बुरा,राशि-उच्च,भाव-बुरा
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