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  • साढ़ेसाती कैसे देखें ?तीसरा ढैया

साढ़ेसाती कैसे देखें ?तीसरा ढैया

01 Jan

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१२

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१२, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
अगर चौथे भाव का मालिक बाहरवें भाव में बैठा हो और बाहरवें भाव का मालिक दसवें भाव में बैठा हो तो भी विदेश में जाकर काम काज करने का योग बनता है। उदाहरण कुंडली
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01 Jan

मीन लग्न में पहले भाव में मंगलीक भंग योग-

  • By Ashwani Jain
  • In मीन लग्न में पहले भाव में मंगलीक भंग योग, मीन लग्न में मंगलीक भंग योग
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मीन लग्न में मंगल देवता अगर पहले भाव में हो तो जातक मंगलीक नहीं होता क्यों की यहां पर मंगल ग्रह योगकारक है और त्रिकोण (भाग्य ) के स्वामी भी है। इसलिए मंगल के दोष का परिहार होता है और
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01 Jan

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१४

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१४, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
बाहरवें भाव का स्वामी अगर दूसरे भाव में बैठा हो या फिर दूसरे भाव से कोई भी सम्बन्ध हो तो परिवार सहित विदेश में हमेशा रहने का योग बनता है। उदारहण कुंडली
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01 Jan

साढ़ेसाती कैसे देखें ?तीसरा ढैया

  • By Ashwani Jain
  • In साढ़ेसाती के बारें में जरूरी बातें।, साढ़ेसाती कैसे देखें ?
जब गोचर के शनि देव जन्मकुंडली के चन्द्रमा राशि से एक राशि आगे चले जाये तो वो साढ़ेसाती का आखिरी ढैया होता है उदाहरण-जैसे की जन्मलग्न कुंडली का चन्द्रमा मकर राशि में और गोचर के शनि देव कुम्भ राशि में
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01 Jan

साढ़ेसाती कैसे देखें ?पहला ढैया

  • By Ashwani Jain
  • In साढ़ेसाती कैसे देखें ?
साढ़ेसाती हमेशा जन्म लग्न कुंडली के चन्द्रमा के हिसाब से देखी जाती है,जन्म कुंडली में जहाँ चंद्र देवता बैठें हो या जिस राशि में बैठे हो साढ़ेसाती का हमें वहीं से ही पता चलेगा। उदाहरण-जैसे की जन्मलग्न कुंडली का चन्द्रमा
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01 Jan

मांगलिक योग -MANGLIK YOGA

  • By Ashwani Jain
  • In मांगलिक योग -MANGLIK YOGA
मांगलिक योग सबसे पहले यह जानना आवश्यक है की मंगलीक दोष नहीं एक योग होता है,वास्तव में किसी भी कुंडली में मांगलिक एक दोष नहीं योग माना जाता है परन्तु बहुत से ज्योतिषी मांगलिक दोष कह कर लोगों के मनों
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01 Jan

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-२०

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-२०, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
विदेश में हमेशा रहने-नौकरी-कामकाज-पढ़ाई-यात्रा का योग देखने के कुछ जरूरी बातें ध्यान में रखें । १.ग्रहों का बलाबल और डिग्री । २.ग्रहों की महादशा और अन्तर-दशा । ३.चौथे भाव के स्वामी का बलाबल जितना कम होगा उतना जल्दी ही विदेश
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14 Jul

सिंह लग्न में सातवें में भाव मंगलीक भंग योग-

  • By Ashwani Jain
  • In मांगलिक भंग योग-MANGLIK BHANG YOGA, सिंह लग्न में मंगलीक भंग योग
सिंह लग्न में सातवें में भाव मंगलीक भंग योग- सिंह लग्न की कुंडली में अगर मंगल देवता सातवें भाव में हो तो मंगलीक भंग योग बनता है क्यों की मंगल ग्रह इस लग्न कुंडली में अति योगकारक है और लग्नेश
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15 Feb

मेष लग्न सप्तम भाव में मंगलीक भंग योग-

  • By Ashwani Jain
  • In मेष लग्न में मंगलीक भंग योग
मेष लग्न मे मंगलीक भंग योग – ज्योतिष के मुताबिक मेष लग्न में सातवें भाव में बैठा मंगल अति योगकारक है और पंचमहापुरुष बना रहा है जिस कारण मंगलीक भंग योग बनता है ! पंचमहापुरुष योग -मंगल अगर केंद्र
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01 Jan

तुला लग्न में प्रथम भाव में मंगलीक भंग योग-

  • By Ashwani Jain
  • In तुला लग्न में मंगलीक भंग योग
तुला लग्न में प्रथम भाव में मंगलीक भंग योग- तुला लग्न की कुंडली में अगर मंगल देवता पहले भाव में हो तो मंगलीक भंग योग बनता है क्यों की यहां बैठा मंगल अपनी सातवीं दृष्टी अपने ही घर पर पड़ती
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31 Jul

कर्ज

  • By Ashwani Jain
  • In LOAN-कर्ज
कर्ज दुःख एवं परेशानियां जीवन का अभिन्न अंग बन गई हैं । इनमें से कुछ दुःख ऐसे हैं जो पूर्व जन्म के लेखे-जोखे से निश्चित होते हैं।
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16 Jul

कन्या लग्न में बारहवें भाव में मंगलीक भंग योग-

  • By Ashwani Jain
  • In कन्या लग्न में मंगलीक भंग योग
कन्या लग्न में बारहवें भाव में मंगलीक भंग योग- कन्या लग्न की कुंडली में अगर मंगल देवता बारहवें भाव में हो तो मंगलीक भंग योग तब बनता है जब लग्नेश बुध बलि हो तो विपरीत राजयोग भी बनाता है जो
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23 May

चंद्र ग्रहण भंग योग

  • By Ashwani Jain
  • In चंद्र ग्रहण भंग योग
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चंद्र-ग्रहण-भंग-योग
राहु चंद्र ग्रहण भंग योग सभी लग्न राहु चंद्र से ग्रहण योग होता है तो ग्रहण भंग योग भी बनता है बहुत कम जानकारों को इसका ज्ञान होता है। उदाहरण के तौर पर मैंने सभी लग्न वालों के लिए कहां-कहां
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15 Jan

मांगलिक

  • By Ashwani Jain
  • In मांगलिक
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मांगलिक योग ना की दोष सबसे पहले यह जानना आवश्यक है की मंगलीक दोष नहीं एक योग होता है,वास्तव में किसी भी कुंडली में मांगलिक एक दोष नहीं योग माना जाता है परन्तु बहुत से ज्योतिषी
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07 Oct

राहुदेव फलादेश

  • By Ashwani Jain
  • In राहुदेव फलादेश वृश्चिक लग्न 7 से 12 भाव
राहुदेव फलादेश वृश्चिक लग्न 7 से 12 भाव लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई भी स्वराशि नहीं होती,राहु और केतु देवता मित्र राशि या उच्च हों और अच्छे भाव मे बैठे हो तो अच्छा फल
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06 Oct

कार्तिक मास

  • By Ashwani Jain
  • In और फलादेश कार्तिक मास 18-10-2020 से 21-11-2020 तक !
कार्तिक मास,उपाय,और फलादेश कार्तिक मास 18-10-2020 से 21-11-2020 तक ! जन्मकुंडली मे ज़ब सूर्य देव तुला राशि या नीच के हो तो उस जातक को कार्तिक की पूजा या सूर्य देव के दान अवश्य करने चाहिए,ज़बकी लग्न कुंडली मे सूर्य
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23 Sep

गोचर कैसे देखें? राहु-केतु 23-9-2020

  • By Ashwani Jain
  • In गोचर कैसे देखें? राहु-केतु 23-9-2020
गोचर कैसे देखें? राहु-केतु 23-9-2020 आज हम बात करते है गोचर के राहु केतु के बारे मे जो की 23 सितम्बर 2020 को वक्री होकर वृष और वृश्चिक राशि उच्च के होकर आ रहें है जो की 12 अप्रैल 2022
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18 Sep

केतुदेव फलादेश 7 से 12 भाव कर्क लग्न

  • By Ashwani Jain
  • In केतुदेव फलादेश 7 से 12 भाव कर्क लग्न
केतुदेव फलादेश 7 से 12 भाव कर्क लग्न… 7.सातवां भाव फल-अच्छा,राशि-मित्र,भाव-अच्छा 8.आठवां भाव फल-बुरा,राशि-मित्र,भाव-बुरा 9.नवम भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा 10.दशम भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा 11.ग्यारहवां भाव फल-बूरा,राशि-नीच,भाव-अच्छा 12.बारहवां भाव फल-बुरा,राशि-नीच,भाव-बुरा अक्सर हमें केतु देवता से डराया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है ! लग्न
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17 Sep

केतुदेव फलादेश 1 से 6 भाव कर्क लग्न

  • By Ashwani Jain
  • In केतुदेव फलादेश 1 से 6 भाव कर्क लग्न
केतुदेव फलादेश 1 से 6 भाव कर्क लग्न अक्सर हमें केतु देवता से डराया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है ! 1.पहला भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव अच्छा 2.दूसरा भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा 3.तीसरा भाव फल-बुरा,राशि-मित्र,भाव-बुरा 4.चौथा भाव फल-अच्छा,राशि-मित्र, भाव-अच्छा 5.पांचवां भाव फल-अच्छा,राशि-उच्च,भाव-अच्छा 6.छठा भाव
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16 Sep

राहुदेव फलादेश 7 से 12 भाव कर्क लग्न…

  • By Ashwani Jain
  • In राहुदेव फलादेश 7 से 12 भाव कर्क लग्न
अक्सर हमें राहु देवता से डराया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है ! राहुदेव फलादेश 7 से 12 भाव कर्क लग्न.. 7.सातवां भाव फल-अच्छा,राशि-मित्र,भाव-अच्छा 8.आठवां भाव फल-बुरा,राशि-मित्र,भाव-बुरा 9.नवम भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा 10.दशम भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा 11.ग्यारहवां भाव फल-अच्छा,राशि-उच्च,भाव-अच्छा 12.बारहवां भाव फल-बुरा,राशि-उच्च,भाव-बुरा
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