जब गोचर के शनि देव जन्मकुंडली के चन्द्रमा की राशि पर ही भृमण करना शुरू कर दें तो वो साढ़ेसाती का बीच वाला ढैया होता है ।
उदाहरण-जैसे की जन्मलग्न कुंडली का चन्द्रमा मकर राशि में और गोचर के शनि
कुछ जरूरी पॉइंट साढ़ेसाती के लिए।
१.कभी भी साढ़ेसाती नाम से और जन्म लग्न से कोई लेना देना नहीं ।
२.साढ़ेसाती सिर्फ जन्म कुंडली के चन्द्रमा से ही देखी जाती है ।
३.जन्म कुंडली में शनि देव अगर योगकारक
साढ़ेसाती के उपाय ~
१.कर्म और चाल-चलन सही रखें ।
२.पीपल के नीचे दीपक जलाएं ।
३.पीपल को पानी दें रविवार को छोड़ कर हर रोज़ । पीपल को पानी की जरूरत होती है दूध न दें क्यों की
जब गोचर के शनि देव जन्मकुंडली के चन्द्रमा राशि से एक राशि आगे चले जाये तो वो साढ़ेसाती का आखिरी ढैया होता है
उदाहरण-जैसे की जन्मलग्न कुंडली का चन्द्रमा मकर राशि में और गोचर के शनि देव कुम्भ राशि में