01 Jan विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१६ By Ashwani Jain In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१६, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga 0 comment अगर पांचवें भाव के स्वामी का सम्बन्ध बाहरवें भाव से हो तो विदेश में पढ़ाई करने का या फिर पढ़ाई की मदद से विदेश यात्रा होती है ।और जातक वहां हमेशा के लिए नागरिकता प्राप्त कर लेता है। Read More Share: