धनु लग्न में बाहरवें भाव में मंगलीक भंग योग –
धनु लग्न में मंगल देवता अगर बाहरवें भाव में हो तो जातक मंगलीक नहीं होता क्यों की यहां पर मंगल ग्रह स्वराशि के हो जाने से मंगलीक योग का परिहार
धनु लग्न में प्रथम भाव में मंगलीक भंग योग –
धनु लग्न में मंगल देवता अगर पहले भाव में हो तो जातक मंगलीक नहीं होता क्यों की यहां पर मंगल ग्रह
त्रिकोण के स्वामी,लग्नेश गुरु के अतिमित्र होने के कारण
धनु लग्न में चौथे भाव में मंगलीक भंग योग –
धनु लग्न में मंगल देवता अगर चौथे भाव में हो तो जातक मंगलीक नहीं होता क्यों की यहां पर मंगल ग्रह त्रिकोण के स्वामी,केंद्र में स्तिथ होकर कभी बुरा फल नहीं
धनु लग्न में आठवें भाव में मंगलीक भंग योग –
धनु लग्न में मंगल देवता अगर आठवें भाव में हो तो जातक मंगलीक नहीं होता क्यों की यहां पर मंगल ग्रह नीच के हो जाने से मंगलीक दोष का परिहार
धनु लग्न में सातवें भाव में मंगलीक भंग योग –
धनु लग्न में मंगल देवता अगर सातवें भाव में हो तो जातक मंगलीक नहीं होता क्यों की यहां पर मंगल ग्रह त्रिकोण के स्वामी,केंद्र में स्तिथ होकर कभी बुरा फल