07 Aprविदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१७ By Ashwani Jain In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१७, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yogaअगर बाहरवें भाव के स्वामी का सम्बन्ध पांचवें भाव में हो तो विदेश में पढ़ाई करने का या फिर पढ़ाई की मदद से विदेश यात्रा होती है।और जातक वहां हमेशा के लिए नागरिकता प्राप्त कर लेता है। उदारहण कुंडली Read MoreShare: