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10 Jul

ग्रहों के कारकत्व-Planetary Factors

  • By Ashwani Jain
  • In ज्योतिष अर्क
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                        ग्रहों के कारकत्व-: सूर्य देवता -पिता,सरकारी नौकरी,आत्मा,मान -यश,जीव,दिल,हड्डी,शासन का भी कारक है। चंद्र देवता -मन,माता,तरलता,मन के भाव,भावुकता अशांत मन,सबसे तेज़ चलने वाला ग्रह,मानसिक का भी कारक है। मंगल
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10 Jul

KUNDALI

  • By Ashwani Jain
  • In Uncategorized
JOSHI ASTRO GYAN GANGA GROUP
JOSHI ASTRO GYAN GANGA GROUP
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10 Jul

ग्रहों की उच्च,नीच,और स्व राशि की परिभाषा-Definition of planetary high, low, and on sign

  • By Ashwani Jain
  • In ज्योतिष अर्क
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                                                         ग्रहों की उच्च,नीच,और स्व राशि :– उच्च ग्रह की परिभाषा –:जब कोई
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10 Jul

ग्रहों के कारक भाव-:

  • By Ashwani Jain
  • In BEST ATROLOGER, ज्योतिष अर्क
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ग्रहों के कारक भाव-:                            कारक भाव वह भाव होता है जिसमे एक अच्छा ग्रह अच्छे फल देने के लिए बाध्य होता है और बुरा       
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31 Mar

गुरु ग्रह राशि परिवर्तन फ़लादेश

  • By Ashwani Jain
  • In गुरु ग्रह राशि परिवर्तन फ़लादेश
गुरु ग्रह राशि परिवर्तन फ़लादेश 2025
गुरु ग्रह वृष राशि में १–५–२०२४ से १५–५–२०२५ तक रहेंगे।गुरु ग्रह 1-5-2024 को वृष राशि मे प्रवेश कर रहे है 15 मई 2025 तक रहेंगे। मेष-धन लाभ खर्चे कम सेंविंग ज्यादा के चांस।वृष-स्वास्थ्य का ध्यान रखें।मिथुन-विदेश
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29 Feb

केतुदेव फलादेश 1 से 6 भाव कन्या लग्न

  • By Ashwani Jain
  • In केतुदेव फलादेश 1 से 6 भाव कन्या लग्न
केतुदेव फलादेश 1 से 6 भाव कन्या लग्न लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई भी स्वराशि नहीं होती,राहु और केतु देवता मित्र राशि या उच्च हों और अच्छे भाव मे बैठे हो तो अच्छा फल
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28 Feb

केतुदेव फलादेश 7 से 12 भाव कन्या लग्न

  • By Ashwani Jain
  • In केतुदेव फलादेश 7 से 12 भाव कन्या लग्न
केतुदेव फलादेश 7 से 12 भाव कन्या लग्न… लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई भी स्वराशि नहीं होती,राहु और केतु देवता मित्र राशि या उच्च हों और अच्छे भाव मे बैठे हो तो अच्छा फल
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27 Feb

राहुदेव फलादेश 1 से 6 भाव तुला लग्न

  • By Ashwani Jain
  • In राहुदेव फलादेश 1 से 6 भाव तुला लग्न
राहुदेव फलादेश 1 से 6 भाव तुला लग्न लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई भी स्वराशि नहीं होती,राहु और केतु देवता मित्र राशि या उच्च हों और अच्छे भाव मे बैठे हो तो अच्छा फल
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26 Feb

राहुदेव फलादेश 7 से 12 भाव तुला लग्न

  • By Ashwani Jain
  • In राहुदेव फलादेश 7 से 12 भाव तुला लग्न...
राहुदेव फलादेश 7 से 12 भाव तुला लग्न 7.सातवां भावफल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव -अच्छा 8.आठवां भाव फल-बुरा,राशि-उच्च,भाव-बुरा 9.नवम भाव फल-अच्छा,राशि-उच्च,भाव-अच्छा 10.दशम भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा 11.ग्यारहवां भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा 12.बारहवां भाव फल-बुरा,राशि-मित्र,भाव-बुरा लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई भी स्वराशि नहीं
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25 Feb

वास्तु टिप्स

  • By Ashwani Jain
  • In वास्तु टिप्स
वास्तु टिप्स VASTU TIPS जन्मकुंडली के आधार पर वास्तु टिप्स अगर आपकी लग्न कुंडली यानि जन्म कुंडली मे सूर्य,मंगल नीच के,मारक,या राहु देव से दूषित और बुरे फल दें रहें हो तो आप आपने घर या कमरे मे ईशान कोण
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24 Feb

केतुदेव फलादेश 1 से 6 भाव तुला लग्न…

  • By Ashwani Jain
  • In केतुदेव फलादेश 1 से 6 भाव तुला लग्न
केतुदेव फलादेश 1 से 6 भाव तुला लग्न… लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई भी स्वराशि नहीं होती,राहु और केतु देवता मित्र राशि या उच्च हों और अच्छे भाव मे बैठे हो तो अच्छा फल
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23 Feb

केतुदेव फलादेश 7 से 12 भाव तुला लग्न…

  • By Ashwani Jain
  • In केतुदेव फलादेश 7 से 12 भाव तुला लग्न
केतुदेव फलादेश 7 से 12 भाव तुला लग्न… 7.सातवां भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव -अच्छा 8.आठवां भाव फल-बुरा,राशि-नीच,भाव-बुरा 9.नवम भाव फल-बुरा,राशि-नीच,भाव-अच्छा 10.दशम भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा 11.ग्यारहवां भाव फल-बुरा,राशि-शत्रु,भाव-अच्छा 12.बारहवां भाव फल-बुरा,राशि-मित्र,भाव-बुरा लग्न कुंडली यानि जन्मकुंडली मे राहु और केतु देवता की कोई भी स्वराशि
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22 Feb

राहु केतु देव और वास्तु

  • By Ashwani Jain
  • In राहु केतु देव और वास्तु 
क्या आप जानते है अगर आपकी जन्म कुंडली में राहु केतु शनि मंगल ग्रह अगर नीच-मारक-६,८,१२ भाव में हो या बुरे प्रभाव दे रहे हो तो हमे वास्तु के मुताबिक अपने घर या ऑफिस में वास्तु के मुताबिक सही
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21 Feb

राहुदेव फलादेश 1 से 6 भाव वृश्चिक लग्न

  • By Ashwani Jain
  • In राहुदेव फलादेश 1 से 6 भाव वृश्चिक लग्न
अक्सर हमें राहु देवता से डराया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है ! जहां भाव अच्छा दिया गया है वहां राहुदेव के कोई उपाय करने की जरुरत नहीं। ज्यादातर हमे राहु देवता
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20 Feb

त्रिशक्ति रत्न कब पहने? कुम्भ लग्न…

  • By Ashwani Jain
  • In Ashwani jain astrologer, त्रिशक्ति रत्न कब पहने? कुम्भ लग्न...
त्रिशक्ति रत्न कब पहने? कुम्भ लग्न.. कुम्भ लग्न की जन्मकुंडली मे अगर त्रिकोण भाव के स्वामी शनि,बुध, शुक्र 1,4,5,7,9,10,11भावों मे तीनो ग्रह या इनमे मे से कोई भी ग्रह इन्ही भावों बैठे हो तो त्रिशक्ति रत्न पहना जा सकता
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19 Feb

त्रिशक्ति रत्न कब पहने? मीन लग्न…

  • By Ashwani Jain
  • In Ashwani jain astrologer, त्रिशक्ति रत्न कब पहने? मीन लग्न...
त्रिशक्ति रत्न कब पहने? मीन लग्न… मीन लग्न की जन्मकुंडली मे अगर त्रिकोण भाव के स्वामी गुरु,मंगल,चंद्र 1,2,4,7,10,भावों मे तीनो ग्रह या इनमे मे से कोई भी ग्रह इन्ही भावों बैठे हो तो त्रिशक्ति रत्न पहना जा सकता है !और
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18 Feb

जन्मकुंडली अनुसार उपयुक्त रत्न पुखराज

  • By Ashwani Jain
  • In जन्मकुंडली अनुसार उपयुक्त रत्न पुखराज, मेष लग्न की कुंडली मे पुखराज रत्न
पुखराज
जन्मकुंडली अनुसार उपयुक्त रत्न पुखराज मेष लग्न की कुंडली मे 1,2,4,5,7,9,11 भावों अगर गुरु देव बैठे हो तो पुखराज रत्न धारण किया जा सकता है ! धातु-सोना,पीतल ऊँगली-तर्जनी दिन-गुरुवार अधिक जानकारी के अच्छे ज्योतिषचार्य को जन्म कुंडली जरूर दिखाएं
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17 Feb

कन्या लग्न में आठवें भाव में मंगलीक भंग योग-

  • By Ashwani Jain
  • In कन्या लग्न में मंगलीक भंग योग
कन्या लग्न में आठवें भाव में मंगलीक भंग योग- कन्या लग्न की कुंडली में अगर मंगल देवता आठवें भाव में हो तो मंगलीक भंग योग बनता है क्यों की मंगल ग्रह अपनी मूल त्रिकोण राशि में है।अगर लग्नेश बुध बलि
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17 Feb

नक्षत्र+स्वामी

  • By Ashwani Jain
  • In नक्षत्र+स्वामी, नक्षत्र+स्वामी
क्रम-नक्षत्र- स्वामी १-  अश्विनी-केतु २- भरणी -शुक्र ३- कृत्तिका-सूर्य ४- रोहिणी -चंद्र ५- मृगशिरा-मंगल ६- आर्द्रा -राहु ७- पुनर्वसु-गुरु ८- पुष्य-शनि ९- आश्लेषा-बुध १०-मघा-केतु ११-पूर्वाफाल्गुनी-शुक्र १२-उत्तराफाल्गुनी-सूर्य १३- हस्त-चंद्र १४- चित्रा-मंगल १५- स्वाती- राहु १६- विशाखा- गुरु १७- अनुराधा-शनि १८-
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16 Feb

वृश्चिक लग्न में पहले भाव में मंगलीक भंग योग-

  • By Ashwani Jain
  • In वृश्चिक लग्न में पहले भाव में मंगलीक भंग योग, वृश्चिक लग्न में मंगलीक भंग योग
वृश्चिक लग्न में पहले भाव में मंगलीक भंग योग- वृश्चिक लग्न की कुंडली में अगर मंगल देवता पहले भाव में हो तो मंगलीक भंग योग बनता है क्यों की यहां बैठा मंगल लग्नेश होकर अपनी ही राशि (स्वराशि,अपना ही घर
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