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20 Aug

वृश्चिक राशि में गोचर का चंद्र (शुभ/अशुभ )कैसे देखें-

  • By Ashwani Jain
  • In ज्योतिष के अनुसार गोचर का चन्द्रमा(शुभ/अशुभ ) कैसे देखें, ज्योतिष में चन्द्रमा का खास महत्व, वृश्चिक राशि में गोचर का चंद्र (शुभ/अशुभ )कैसे देखें
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वृश्चिक राशि में गोचर का चंद्र (शुभ/अशुभ )कैसे देखें – चंद्र देवता एक ऐसा ग्रह है जो ज्योतिष में सबसे तेज़ चाल से चलता है जिसका असर हमारे मन,मानसिक और स्वभाव में भी फर्क पड़ता है वो भी बहुत तेज़ी
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18 Aug

मकर राशि में गोचर का चंद्र (शुभ/अशुभ )कैसे देखें –

  • By Ashwani Jain
  • In मकर राशि में गोचर का चंद्र (शुभ/अशुभ )कैसे देखें
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मकर राशि में गोचर का चंद्र (शुभ/अशुभ )कैसे देखें –चंद्र देवता एक ऐसा ग्रह है जो ज्योतिष में सबसे तेज़ चाल से चलता है जिसका असर हमारे मन,मानसिक और स्वभाव में भी फर्क पड़ता है वो भी बहुत तेज़ी से।चंद्र
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17 Aug

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-८

  • By Ashwani Jain
  • In *कर्म और बीमारियां*, अंगारक भंग योग कर्क लग्न, विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-८, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
१.चर लग्न वालों का भी विदेश में हमेशा रहने का योग जल्दी बनता है। चर लग्न – (१,४,७,१०) २.स्थिर लग्न वालों का और द्विस्वभाव लग्न वालों का भी विदेश योग देरी से बनता है । स्थिर लग्न – (२,५,८,११) द्विस्वभाव
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16 Aug

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-९

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-९, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
लग्न का स्वामी और चौथे भाव का स्वामी चर राशि (१,४,७,१०) में चला जाये तो भी विदेश में जाने का योग जल्दी बन जाता है । उदाहरण कुंडली (लग्न का स्वामी)  
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15 Aug

वृष लग्न सप्तम भाव में मंगलीक भंग योग-VRISH LAGN SAPTAM BHAV MEIN MANGLIK BHANG YOGA

  • By Ashwani Jain
  • In वृष लग्न में मंगलीक भंग योग
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वृष लग्न में मंगलीक भंग योग – वृष लग्न अगर मंगल देवता सातवें भाव में हो तो जातक/जातिका को मंगलीक नहीं माना जाता क्यों की मंगल देवता सातवें भाव में अपने ही घर पर बैठे है( स्वराशि होकर )
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14 Aug

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१०

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१०, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
सातवें भाव में शनि,राहु,केतु या पाप प्रभाव हो तो,तो भी विदेश में शादी का योग बनता है। उदाहरण कुंडली  
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13 Aug

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-११

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-११, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
बाहरवें भाव का मालिक का कोई कनेक्शन सातवें भाव से हो तो भी विदेश में शादी का योग बनता है। उदाहरण कुंडली
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12 Aug

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१५

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१५, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
दूसरे भाव का स्वामी अगर बाहरवें भाव में बैठा हो या फिर बाहरवें भाव से कोई भी सम्बन्ध हो,तो भी परिवार सहित विदेश में हमेशा रहने का योग बनता है। उदारहण कुंडली
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11 Aug

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१७

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१७, विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
अगर बाहरवें भाव के स्वामी का सम्बन्ध पांचवें भाव में हो तो विदेश में पढ़ाई करने का या फिर पढ़ाई की मदद से विदेश यात्रा होती है।और जातक वहां हमेशा के लिए नागरिकता प्राप्त कर लेता है। उदारहण कुंडली
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10 Aug

मेष लग्न प्रथम भाव में मंगलीक भंग योग -MESH LAGN PRATHAM BHAV MEIN MANGLIK BHANG YOGA

  • By Ashwani Jain
  • In मेष लग्न में मंगलीक भंग योग
मेष लग्न में मंगलीक भंग योग – १.लग्न में बैठा मंगल स्वराशि का हुआ और रुचक नामक पंचमहापुरुष योग भी बना रहा है जिस कारण मंगलीक भंग योग बनता है । स्वराशि-ज्योतिष में स्वराशि का ग्रह योगकारक हो
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09 Aug

मेष लग्न अष्टम भाव में मंगलीक भंग योग-MESH LAGN ASTM BHAV MEIN MANGLIK BHANG YOGA

  • By Ashwani Jain
  • In मेष लग्न में मंगलीक भंग योग
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मेष लग्न में मंगलीक भंग योग  मेष लग्न की कुंडली में आठवें भाव में बैठा मंगल स्वराशि का होने के कारण मंगलीक भंग योग बनेगा क्यों की स्वराशि का मंगल बुरा प्रभाव को कम करके समान्य कर देता है ।
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08 Aug

वृष लग्न प्रथम भाव में मंगलीक भंग योग-VRISH LAGN PRATHM BHAV MEIN MANGLIK BHANG YOGA

  • By Ashwani Jain
  • In वृष लग्न में मंगलीक भंग योग
वृष लग्न में मंगलीक भंग योग – वृष लग्न में पहले भाव में मंगल देव हो तो मंगलीक भंग योग बनता है क्यों की पहले भाव में बैठा मंगल देवता की सातवीं दृष्टि अपने ही भाव पर पड़ती है जिस
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07 Aug

वृष लग्न चतुर्थ भाव में मंगलीक भंग योग-VRISH LAGN CHATURT HBHAV MEIN MANGLIK BHANG YOGA

  • By Ashwani Jain
  • In मांगलिक भंग योग-MANGLIK BHANG YOGA
वृष लग्न में मंगलीक भंग योग – वृष लग्न अगर मंगल देवता चौथे भाव में हो तो जातक/जातिका को मंगलीक नहीं माना जाता क्यों की मंगल देवता चौथे भाव में चौथी दृष्टि अपने ही घर सातवें भाव पर पड़ती
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06 Aug

मांगलिक भंग योग-MANGLIK BHANG YOGA

  • By Ashwani Jain
  • In मांगलिक भंग योग-MANGLIK BHANG YOGA
manglik bhang yog
मांगलिक भंग योग अभी तक अपने सीखा की मांगलिक योग कैसे होता है लेकिन यह बात ध्यान देने योग्य है की कुछ कारणवश मांगलिक योग भंग भी हो जाता है । परन्तु अल्प-ज्ञानी ज्योतिष एवं पंडित मांगलिक योग का परिहार कैसे
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06 Aug

वृष लग्न द्वादश भाव में मंगलीक भंग योग-VRISH LAGN BAHRVEIN BHAV MEIN MANGLIK BHANG YOGA

  • By Ashwani Jain
  • In वृष लग्न में मंगलीक भंग योग
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वृष लग्न द्वादश भाव में मंगलीक भंग योग – वृष लग्न में अगर मंगल देवता द्वादश भाव में हो तो जातक/जातिका को मंगलीक नहीं माना जाता क्यों की मंगल देवता द्वादश में अपने ही घर पर बैठे है( स्वराशि
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02 Aug

नीच भंग योग-२

  • By Ashwani Jain
  • In नीच भंग योग-२
२.अगर लग्न कुंडली में जिस भाव में नीच का ग्रह हो और उसी भाव का मालिक उस पर दृष्टी डाल दें तो भी नीच भंग योग कहा जाता है । लेकिन डिग्री और ग्रह का बलाबल अवश्य देख लें ।
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02 Aug

नीच भंग योग-३

  • By Ashwani Jain
  • In नीच भंग योग-३
३.जिस भाव (घर) में ग्रह नीच का पड़ा हो और उसी भाव में ग्रह उच्च का आ जाये तो भी नीच भंग योग कहा जाता है । लेकिन डिग्री और ग्रह का बलाबल अवश्य देख लें । उदाहरण कुंडली
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01 Aug

शनि देव जी का ढैया कैसे देखें

  • By Ashwani Jain
  • In शनि देव जी का ढैया कैसे देखें
शनि देव जी का ढैया – जब गोचर का शनि जन्म कुंडली के चन्द्रमा से चौथे भाव या चौथी राशि में भ्रमण शुरू कर दे और आठवीं राशि में भ्रमण शुरू कर दे तो उस समय को शनि देव का
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01 Aug

नीच भंग योग-१

  • By Ashwani Jain
  • In नीच भंग योग-१
नीच भंग योग १.जिस भाव (घर) में ग्रह नीच का है उसका मालिक उसके साथ आकर बैठे तो उसे नीच भंग योग कहा जाता है लेकिन डिग्री और ग्रह का बलाबल अवश्य देखें । उदाहरण कुंडली  
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31 Jul

विदेश में हमेशा रहने का योग भाग-१८

  • By Ashwani Jain
  • In विदेश में हमेशा रहने का योग-Permanent Foreign Settlement yoga
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अगर बाहरवें भाव का स्वामी चौथे भाव में हो तो विदेश में काम काज करने का योग बनता है। उदारहण कुंडली
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